भगवान श्री नृसिंह के नाम का ‘उच्चाणा’ निकाल, राजधानी गैरसैंण की लड़ाई तेज करने का लिया संकल्प
UK Dinmaan
गैरसैंण हो राज्य की स्थाई राजधानी की मांग को लेकर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं व राज्य आन्दोलकारियों ने धरने के 54 वें दिन व राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर परेड मैदान धरना स्थल पर गैरसैंण राजधानी निर्माण को लेकर भगवान श्री नृसिंह के नाम पर ‘उच्चाणा’ निकालकर संकल्प लिया कि हमारा संघर्ष उत्तराखण्ड राज्य की स्थायी राजधानी गैरसैंण बनने तक जारी रहेगा।
धरना स्थल पर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान से जुड़े आन्दोलनकारियों ने कहा कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने के प्रति प्रदेश सरकार का रवैया उदासीन है। वहीं राज्य की अवधारणा के अनुरूप स्थायी राजधानी गैरसैंण की उम्मीद इस सरकार से करना बेमानी लगता है। इसलिए आन्दोलकारियों ने यहां भगवान श्री नृसिंह के नाम पर ‘उच्चाणा’ निकालकर गैरसैंण राजधानी की लड़ाई को तेज करने के संकल्प लिया साथ ही भगवान से प्रार्थना की कि वह सरकार को सदबुद्धि दें कि वह शीध्र प्रदेश की स्थायी राजधानी गैरसैंण की घोषणा करें।
वहीं इस अवसर पर छात्र शक्ति की ओर से राज्य की दुर्दशा पर सचिन थपलियाल, पूर्व महासचिव डीएवी देहरादून द्वारा एक पत्र –
“इस परिस्थिति के लिए आखिर कौन जिम्मेदार?
* लगभग 50% गाँव समाप्ति की ओर।
* लगभग 25% विद्यालय बन्द करने की कवायदय।
* उत्तराखंड की प्रत्येक नदियों और गदेरों पर भी क्रेसर प्लांट चालू कर दिए गए हैं।
* युवा और आमजन रोजगार के अभाव में पलायन करते हैं तो करोड़ों बटोरने वाले नेता व नौकरशाह भी अपने पाप छिपाने के लिए पलायन
करते जा रहे हैं।
* लगभग 75प्रतिशत कृषि भूमि बंजर हुई है।
* लगभग 90 प्रतिशत जलस्रोत सूख गए हैंय
* लगभग 30 प्रतिशत कृषि बीज कौणी, झुगंरा, भंगजीरा, आदि विलुप्त होने की कगार पर है।
* प्रति वर्ष हजारों एकड़ जंगलों को (वृक्षारोपण अथवा चोरी-छिपे किए जाने वाले छपान को छिपाने के लिए) आग के हवाले कर दिया जाता है।
* राष्ट्रीय राजमार्ग को राज्य मार्ग, और राज्य मार्ग को जिला मार्ग, सिर्फ इसलिए कि शराब के ठेके गाँव गाँव व कस्बों तक खोले जा सकें।
* शिक्षित को रोजगार नहीं, बेसहारा वृद्दजन, जन राजधानी पर षडयंत्रात्मक खामोश क्यों?
जारी कर सवाल सरकार के सामने रखते हुए आम जनमानस से आह्वान किया कि हिमालयी राज्य उत्तराखंड को अवधारणानुरूप पटरी पर लाने हेतु गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के बैनर तले आये और एक मुट्ठी बन जाएं …
इस अवसर मनमोहन लखेड़ा, कौशल्या डबराल, शकंुतला खंतवाल, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, मनोज ध्यानी, लुसून टोडरिया, सुशील त्यागी, शीला रावत, समर भण्डारी, सोहन रावत, किरण किशोर पी सी थपलियाल आदि मौजूद रहे।