केदारपुर: युवा बनाम बुजुर्ग बना निकाय चुनाव
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100 वार्ड वाले देहरादून नगर निगम में वार्डों में चुनावी ‘घमासान मचा हुआ है। हर वार्ड से मैदान में भाजपा-कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल, अन्य दल व निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोंक कर खड़े हैं।
वहीं इस बार निकाय चुनाव में केदारपुर से लड़ाई भाजपा व कांग्रेस न होकर युवा बनाम बुजुर्ग होकर रह गई।
वार्ड नम्बर 83 कांग्रेस पार्टी ने जहां युवा प्रत्याशी हो मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने एक युवा प्रत्याशी पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष महेश जगूड़ी को टिकट न देकर अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मार दी। यहां से भाजपा ने 74 वर्षीय उम्र दराज व्यक्ति दर्शन लाल बिन्जोला को टिकट दिया है जो पिछला पाषर्द का चुनाव हारने के साथ आज तक एक भी चुनाव न जीतने का रिकार्ड अपने नाम किये हुये है।
हार का रिकार्ड अपने नाम किये हुए प्रत्याशी को टिकट देकर भाजपा ने युवाओं नाराज करने के साथ अपना स्वयं का ही गणित बिगाड़ दिया। यही बड़ा कारण है कि भाजपा वार्ड नम्बर 83 से दो युवा बागी प्रत्याशी को मनाने में पूरी तरह असफल रही।
वहीं बड़ा सवाल यह कि वार्ड नम्बर 83 से इस बार चनुावी मैदान में क्षेत्रीय मुद्दे एकदम नदारत है। यहां भाजपा प्रत्याशी ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे को दरकिनार करते हुए अपनी इज्जत की खातिर, अपने आखिर चुनाव के नाम ही जनता से वोट मांगते नजर जा रहे हैं। जो जनता की नाराजगी के साथ-साथ क्षेत्रीय जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है।
वहीं भाजपा से बागी हुये युवा प्रत्याशी अपनी युवा शक्ति के दम पर चुनाव जीतना चाहते है। कांग्रेस अभी तक चुनावी मैदान में कहीं दूर-दूर तक नजर ही नहीं आ रही है।
वार्ड नम्बर 83 में अब भाजपा की लड़ाई कांग्रेस से न होकर युवा बनाम बुजुर्ग हो गई। यहां चुनावी रण में डटे हुये युवा बागी भाजपा के लिए सिरदर्द का बड़ा कारण बने हुये है, क्योंकि निकाय चुनाव में पार्टी के कैडर वोट के अलावा प्रत्याशी की व्यक्तिगत छवि भी मायने रखती है। व्यक्तिगत छवि भले ही जीत की राह प्रशस्त न करे, मगर गणित जरूर बिगड़ती दिख रही है। ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि भाजपा की युवा बनाम बुजुर्ग की आपसी लड़ाई में अभी तक चुनावी मैदान में नजर न आने वाले कांग्रेसी युवा प्रत्याशी फायदा उठा ले जाय। बहरहाल वार्ड नम्बर 83 में चुनाव रोचक बना हुआ है।