ट्रेन में हुआ महिला के साथ बलात्कार
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक महिला के साथ चलती ट्रेन में बलात्कार का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है. ट्रेन में तैनात जीआरपी मुरादाबाद के सिपाही कमल शुक्ला पर रेप का आरोप लगा है. ये घटना चंडीगढ़ एक्सप्रेस में हुई. घटना के बाद महिला को बिजनौर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतारा गया, तो वहां मौजूदा तमाम यात्रियों ने जमकर हंगामा किया और सिपाही कमल शुक्ला की जमकर पिटाई कर दी.
महिला का आरोप है कि उसके साथ रेप करने का वाला आरोपी रेलवे पुलिस का ही सिपाही है और उस वक्त वो अपनी ड्यूटी पर था. पुलिस ने उसे तत्काल गिरफ़्तार कर लिया है और जेल भेज दिया है. 25 वर्षीय पीड़ित महिला मूल रूप से ज़िला रामपुर के बिलासपुर की रहने वाली है. पीड़िता के मुताबिक, वो दो दिन पहले दवा लेने के लिए लखनऊ गई थी. जनरल कंपार्टमेंट में महिला की तबियत खराब होने लगी, तो कमल शुक्ला ने उसे विकलांग कोच में ले जाकर बैठा दिया.
आरोप है कि 24 वर्षीय कमल शुक्ला ने वहां मौजूद लोगों को दूसरे कंपार्टमेंट में भेज दिया और विकलांग कोच का दरवाज़ा बंद करके उस महिला के साथ रेप किया. बिजनौर स्टेशन पर भीड़ ने विकलांग कोच का दरवाज़ा खुलवाया, तो सिपाही अर्द्धनग्न अवस्था में मिला. वहीं महिला सीट पर बदहवास हालातों में थी. इसके बाद भीड़ ने सिपाही कमल शुक्ला को पकड़कर जमकर पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया. सिपाही को हिरासत में लेकर महिला को ज़िला अस्पताल भेज दिया गया है.
वहीं GRP पुलिस का दावा है कि बयान में महिला ने खुद के साथ रेप नहीं होने की बात कही है. मेडिकल जांच में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई है. मेडिकल रिपोर्ट में महिला के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है.
GRP नजीबाबाद के SHO और इस मामले के विवेचनाधिकारी विजय कुमार सिंह के मुताबिक महिला की मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि नहीं हुई हैं बल्कि उसके गर्भवती होने की जानकारी मिली है. महिला ने कोर्ट में भी बयान दिए है जिसमें रेप नहीं होने की बात कही है. इसका सीधा मतलब है कि जो FIR महिला ने मंगलवार को लिखाई थी, उससे पलट गई है.
महिला ने बताया कि वह बीमार थी. वह जिस कोच में चढ़ी थी, उसमें जगह नहीं थी. महिला ने कहा, ‘सिपाही ने मेरी हालत देखकर दिव्यांग कोच में लिटा दिया. मैं सीट पर लेट गई. मेरी हालत बेहोशी जैसी थी.’ SHO का कहना है कि फिलहाल FIR दर्ज हो गई है इसलिए सिपाही को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया गया है. अब बयानों के आधार पर आगे की जांच की जाएगी.