2014 में हारे हुई 120 लोकसभा सीटों पर भाजपा का जागरुकता अभियान
पार्टी के सभी केंद्रीय पदाधिकारी इस सप्ताह के लिए सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम को तैयार करने में लगे हुए हैं। पार्टी ने 120 लोक सभा सीटों के बारे में बताया है जो 2014 के आम चुनाव में इसके हाथों से निकल गया था लेकिन इसे लगता है कि इन क्षेत्रों में चुनावी संभावनाओं को सुधारा जा सकता है। वरिष्ठ पार्टी नेताओं और मंत्रियों को इन सीटों पर भेजा जा रहा है। संसद के दोनों सदनों से भाजपा सांसद को किसी एक क्षेत्र में पार्टी द्वारा भेजा जाएगा जहां वे एक दिन बिताएंगे। इसके लिए तारीख भी सुनिश्चित की जाएगी। 6 अप्रैल भाजपा का स्थाइपना दिवस है और 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्लान का हिस्सा नहीं होंगे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को स्वास्थ्य कारणों से इसमें नहीं रखा गया है। भाजपा प्रमुख अमित शाह हैदराबाद में होंगे, गृह मंत्री राजनाथ सिंह कोलकाता साउथ में एक दिन बिताएंगे, कोलकाता नार्थ और अमेठी में कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी, बेंगलुरू रूरल में वित्त मंत्री अरुण जेटली, निजामाबाद में सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, हावड़ा में जल संसाधन मंत्री उमा भारती, हुगली में कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, महबूबनगर में संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार, त्रिशूर में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, गुना में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय उर्जा मंत्री पीयूष गोयल रोहतक में, रायबरेली में विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ।
भाजपा के मधेपुरा में जनरल सेक्रेटरी भूपेंद्र यादव, करीमगंज में राम माधव, सिलचर में कैलाश विजयवर्गीय और फिरोजाबाद में अनिल जैन जैसे कुछ पदाधिकारियों को तैनात किया गया है। संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के पार्टी बूथ वर्करों के साथ भाजपा सांसद और वरिष्ठ नेता बात करेंगे।
एक सीनियर पार्टी नेता ने बताया, प्रत्येक सीट पर शक्ति केंद्र सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जहां पार्टी कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार की उपलब्धियों, जीएसटी से होने वाले फायदे और भीम एप की उपयोगिता से अवगत कराया जाएगा।
भाजपा के प्रत्येक शक्ति केंद्र पर लोकसभा सीट में 10 बूथ से पार्टी बूथ वर्कर होंगे। प्रत्येक सांसद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और क्षेत्र के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक भी करेंगे। इस अभ्यास के पीछे का उद्देश्य- कैडर को शिक्षित करना है और उन्हें पार्टी की विचारधारा और उपलब्धियों को जनता तक प्रसारित करना है। दलित मतदाताओं तक पहुंचने के उद्देश्य से भीम एप का प्रचार किया जा रहा है। एप का नाम भी मतदाताओं के इस वर्ग को ध्यान में रख बनाया गया है।