मलिन बस्ती नियमितीकरण कु मुद्दा एकदा दुबरा ह्वे ज्यूंदू , सरकार करणि च अध्यादेश ल्याणा तय्यरि
देरादूण। उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनौ से पैलि प्रदेसम मलिन बस्ती कु नियमितीकरण कु मुद्दा एकदा दुबरा ज्यूंदू ह्वेग्ये।
कांग्रेस जख मलिन बस्तियौं तैं नियमित करणा मांग करणि च त वखि भाजपा मलिन बस्ती तैं बचौंणा खुणि अध्यादेश ल्याणा तय्यरि करणि च।
साल 2018 म त्रिवेंन्द्र सरकारन मलिन बस्ती तैं बचौंणा खुणि अध्यादेश ल्यायी छायीं। जैकु बगत तीन साल छायीं। तीन साल पैलि अध्यादेश तैं साल 2021 तीन साल खुणि अगनै बढ़ये ग्यायी। अब अध्यादेश कु बगत 23 अक्टूबर 2024 खुणि खतम हूंणू च। अध्यादेश खतम हूंणा बाद सर्या प्रदेसा 582 मलिन बस्ती अवैधा श्रेणी म सामिल ह्वे जाली। अर जैक बाद सरकार तैं हाईकार्ट कु मलिन बस्ती तैं त्वड़णा कु आदेश कु पालन करण प्वाड़लु।
अब ऐ मामला म शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल न बोलि कि अध्यादेश 23 अक्टूबर खुणि खतम हूंणू च। उन्न बोलि कि 23 अक्टूबर खुणि हूंण वलि मंत्रिमण्डला बैठकम सरकार अध्यादेश कु प्रस्ताव पारित कैकि अध्यादेश तैं अगनै बढ़ये जालु। उन्न बोलि अध्यादेश तीन साल खुणि अगनै बढ़ये जालु।
बतै दियां कि साल 2012 म एनजीटी न उत्तराखण्ड हाईकार्टन अतिक्रमण हटौंणा खुणि आदेश द्यायी। हाईकोर्टा आदेश बाद उबेरिक सरकार कांग्रेसन मलिन बस्ती तैं नियमित करणा खुणि काम सुरू कै छायीं। साल 2017 म सरकार बदलि ह्वेग्ये अर भाजपा न सरकार बणिग्ये। त्रिवेन्द्र सरकारन मलिन बस्ती तैं बचौंणा वास्ता 17 अक्टूबर 2018 खुणि तीन साल खुणि अध्यादेश ल्यायी, जैका बाद 21 अक्टूबर 2021 म दुबरा ये अध्यादेश तैं तीन साल खुणि अगनै बढ़ये ग्यायी। जैकु बगत 23 अक्टूबर 2024 खुणि खतम हूंणू च।। अध्यादेश कु बगत खतम हूंणा बाद देरादूणा दगड़ा- दगड़ि सर्या प्रदेसा मलिन बस्ती अवैध ह्वे जाली। अर सरकार तैं हाईकार्ट कु अवैध बस्ती हटौंणा कु आदेश तैं मनण प्वाड़लु।
अब प्रदेसम निकाय चुनौ छन अर सरकार निकाय चुनौ से पैलि एकदा दुबरा मलिन बस्ती तैं बचौंणा खुणि अध्यादेश ल्याणा तय्यरि करणि च।