विधानसभम पिछनैक द्वार बिटि भर्ति मामलम हाईकोर्टन 3 हप्ता म मांगि जवाब
देरादूण। उत्तराखण्ड विधानसभम पिछनैक द्वार बिटि भर्ति हूंयी भर्तिक मामलम देरादूण रैवासी अभिनव थापर क जनहित याचिका पर आज सुणै ह्वे।
जनहित याचिकम अभिनव थापरन उत्तराखण्ड बणणा बाद बिटि अबि तक गलत प्रक्रिया से नौकरि देंण वला अप्सर, विधानसभा अध्यक्षौं अर मुख्यमंत्रियों से सरकारि रुप्या वसूल करणा अर कानून कारवै करणा मांग कै छायीं। अब ऐ मामलम हाईकोर्टन सरकार बिटि तीन हप्ता म जवाब मांगि।
याचिकाकर्त न याचिका म हाईकोर्ट तैं बतै कि विधानसभा म एक जांच समिति बणैं की साल 2016 बिटि जु भर्ति हूंयी छायीं, वु भर्ति तैं खतम याली पर यु घपरोल त विधानसभम 2000 बिटि चलुण छायीं। जै पर सरकारन अपणा आंखा बुझि दींन।
अभिनव थापरन हाईकोर्टा समणि सरकार कु 6 फरवरी 2003 शासनादेश, जैमा तदर्थ भर्ति पर रोक, सरकारि पैंसों कु गलत उपयोगा वसूली, संविधाना आर्टिकल 14, 16, 187 कु उल्लंघन, जैमा हरेक मनखि कु नौकरिम समान अधिकार अर नियमानुसार भर्ति कु प्रावधान च। उत्तरप्रदेस विधानसभा क 1974 अर उत्तराखण्ड विधानसभाक 2011 नियमावली कु उल्लंघन करै ग्यायी।
याचिकाकर्ता क मांग च कि गलत प्रक्रिया अर नियम तोड़िकि नौकरि देंण वला अप्सर, विधानसभा अध्यक्षौं अर मुख्यमंत्रियों न भर्ति म भष्ट्राचार कैकि सरकरि पैसोंक लूट तैं वसूल करे ज्यां। अर नौकरि की लूट करण वलों माननीय क खिलाप सरकार पैंसों तैं वसूल कैकि कानूनी कारवै करे ज्यां। उन्न बोलि सरकारन भेदभाव कैकि, नियमु तैं एक कुणा म धैरिकि अपणा-अपणौं तैं नौकरी द्यायी अर प्रदेसा लाखौं बेरुजगार अर पढ़यां लिख्यां ज्वानु दगड़ि ध्वका कायी।
जनहित याचिकम हाईकोर्ट वकील अभिजय नेगीन बतै कि हाईकोर्टा मुख्य न्यायाधी रितु बाहरी अर न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा क पीठ न यीं याचिका की विधानसभा पिछनै क द्वार बिटि हूंयी भर्ति तैं गलत अर भ्रष्टाचार पर विधानसभा अर याचिकाकर्ताक जाणकारी अर रिकॉर्ड बिटि भर्ति म हूयूं भष्ट्राचार पर 28 फरवरी 2024 खुणि मंजूर कायी। जैमा माननीय क वसूली अर हौरि प्रावधाना बारम उल्लेख छायीं। मैनों बाद बि प्रदेस सरकारन यांकु क्वीं जवाब नीं दे। आज 10 सितम्बर खुणि हाईकोर्टन सरकार तैं निर्देश द्यायी अर कार्मिक सचिव तैं 3 हप्ता म जवाब देंणा आदेश दे। अगिल सुणै 15 अक्टूबर 2024 खुणि होलि।