गैरसैंणम महारैली, मूल निवास, भू-कानून अर गैरसैंण तैं राजधानी बणौंणा ह्वे मांग
गैरसैंण। मूल निवास अर भू-कानून संघर्ष समितिक झण्डा ताळ आज प्रदेसक रूडि की राजधानी गैंरसैंणम मूल-निवास, भू-कानून अर गैरसैंण तैं राजधानी बणौंणा मांग तैं लेकैकि लोगुन महारैली कायी।
गैरसैंण रामलीला मैदानम उर्यीं यीं महारैली म पैलि राज्य आंदोलनम खटीमा म शहीद हूयां शहीदु तैं श्रद्धांजलि दिये ग्यायी। जैका बाद महारैली कु कार्यक्रम सुरू ह्वे अर संघर्ष समिति क लोगुन जनसभा कायी। संघर्ष समिति न बोलि बल भाजपा, कांग्रेस अर यूकेडी यु सबि पार्टियु न उत्तराखण्डा दगड़ि ध्वका कायी।
संघर्ष समिति के संयोजन मोहित डिमरी न बोलि कि कुछ लोग हमरु आंदोलन तैं कमजोर करण की कोसिस करणा छन। डिमरी न बोलि हम ऊंकी यीं मंसा तैं कतै सफल नी हूंण द्यूला। उन्न बोलि हमरु यु संघर्ष अर लडै़ आखिर सांस तक राली। उन्न बोलि कि अब सरकार तैं जल्दी मूल निवास, भू-कानून अर गैरसैंण तैं राजधानी बणौंण प्वाड़लु। नथर औंण वलु बगतम सर्या प्रदेसम बडु आन्दोलन करै जालु।
लुसून टोडरिया न बोलि आजै महारैली न सर्या पाड़ तैं जगौंणा कु काम कायी। उन्न सरकार से मांग कायी कि अब झट प्रदेसम मूल निवास अर भू-कानून लागू करै ज्यां।
वखि उत्तराखण्ड बेरोजगार संघन बि आंदोलन तैं अपणु दगडु (साथ/समर्थन)द्यायी। उत्तराखण्ड बेरोजगार संघा अध्यक्ष बॉबी पंवारन बोलि कि या लडै़ प्रदेसक पछ्याण तैं बचाैंंणा लड़ै च। उन्न बोलि कि हमतैं यीं लड़ै तैं हौरि मजबूति क दगड़ि लड़णा जरुरत च। जै से हमरि औंण वलि पीढ़ि कु भवैष्य सुरक्षित ह्वे सक्यां। उन्न बोल कि हमरि या लड़ै मूल निवास, भू-कानून अर गैरसैंण राजधानी अर अपणु पाणि, बोण, अर रुजगार बचौंणा की लड़ै च। यु एक जन आंदोलन च। उन्न बोलि बल बगत ऐग्ये अब हमतैं अपणा अधिकारू क लड़ै तैं लड़णा खुणि एक हूंण प्वाड़लु।
त वखि संघर्ष समिति क गढ़वाल संयोजन अरुण नेगी न बोलि कि उत्तराखण्डा की डेमाग्राफी खळाखळ बदलि हूंणि च। प्रदेस बिटि पलायन हूंण अर यखकि जनसंख्या बढ़दै जाणि च। उन्न बोलि आज 40 लाख भैर लोगु प्रदेसा रैवासी बणिग्येन। जै से भैर लोगु कु हमरु रूजगार पर कब्जा हवेग्ये। यीं कारण च कि आज प्रदेसा रैवासी मूल निवास, भू-कानून न मांग करणा छन।
महारैलीम हजारौं लोग गैरसैंण पौछ्यां छायीं। आंदोलनकारियों न रामलीला मैदान बिटि मूल निवास, भू-कानून अर गैरसैंण तैं प्रदेसा राजधानी बणौंणा मांग कायी अर महारैली निकालि।