मूल निवास अर भू-कानून उत्तराखण्ड रैवासियों कु मान सम्मान अर अधिकार क लड़ै
देरादूण। उत्तराखण्ड म मूल निवास लागू अर कटकुटु भू-कानून बणौंण क मांग तैं लेकैकि आज देरादूण मा मूल निवास स्वाभिमान महारैली उर्यें ग्यायी। आज स्वाभिमान महारैली तैं देखिकि राज्य आंदोलन क याद ऐग्यें।
मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति क संयोजन मोहित डिमरी न बोलि कि उत्तराखण्ड की जनता क मान सम्मान अर अधिकार क लड़ै च। उन्न बतै कि हमन कैथैं नी बुलै छायीं। आज जु भीड़ महारैली मा दिख्येणि छायीं वु सब अप्फि अयां लोग छन। उन बोलि बल हमरू उद्देश्य सियीं सरकार तैं जगौंणु च। उन्न बोलि अजै महारैली मा 50 से जादा संगठनु न भाग ल्यायी। महारैली म बड़ी संख्या म जवान अर सामाजिक, राजनीतिक संगठन से जुड़यां लोग सामिल छायीं।
लोग पैलि परेड गिरौंड मा जमा ह्वीं अर वख बटि रैली कॉन्वेट स्कूल, एसबीआई चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पतला, तहसील चौक ह्वीं की कचहरीम शहीद स्मार क पौंछि। जख एक सभा उर्यें ग्यायी।
समन्वय संघर्ष समितिन ससमन्वय संघर्ष समिरिकार पर आरोप लग्यें कि सरकारन संघर्ष समिति से जुड़यां लोगु से रैली नी करणु खूणि बोलि। समिति न बतै कि यु जन आंदोलन च, जु जनता करणि च। इलै जु बि फैसला होलु व जनता क बीच मा हि होलु अर जनता हि कारली। मोहित डिमरी न बोलि कि आज प्रदेसा लोग प्रदेसा हलात देखिकि परेशान छन। उन्न बोलि कि प्रदेस सरकारू न प्रदेस म क्वीं भू-कानून नीं बण्यें अर न हि अपणि जमीन बचौंणा क्वीं कोसिस कायी। जै से प्रदेसा लोगु को बौत नुकसान ह्वै। उन्न बोलि सरकार न मूल निवास प्रमाण पत्र तैं खतम कैकि भैर लोगु तैं प्रदेसा मा औंणा कु मौका दे द्यायी। आज प्रदेस मा 40 लाख से जादा भैर क लोगनु प्रदेसा लोगु कु हक लुच्छी याली। उन्न बोलि कि मूल निवासा कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 नी कर्यें जाली तब तब तक आंदोलन जारी रालु। उन्न बोलि कि जब हमरा जल, जंगल अर जमीन हि नीं राला, त हम उत्तराखण्ड क लोग कख जौला। उन्न आंदोलन मा सामिल लोगु से बोलि कि हमतैं सरकार से समिति गठन नीं चैंणु च। हमथैं त सरकार या बत्यां कि वु प्रदेसा मा कब कटकुट भू कानून अर कब मूल निवास पर कानून बणाणि च।