असली दोषि कोच ?
शासन न जसपुर ऊधमसिंह नगरा बाल विकास परियोजना अधिकारी लक्ष्मी टम्टा तैं पद बटि हटै दे। लक्ष्मी टम्टा पर आरोप छायीं कि वींन अनुसूचित जाति प्रमाण पतर का बण्यें की नौकर हासिल कायी। लक्ष्मी पंता हाईस्कूल अर इण्टरमीडिएट क प्रमाणपत्रौं मा ऊंकु नौं कुमारी लक्ष्मी पंत ल्यख्यूं च। साल 1982 मा लक्ष्मी न मुकेश लाल टम्टा क दगड़ मा ब्यौ कायीं। ब्यौ क बाद लक्ष्मी पंत न अपणु नौं लक्ष्मी टम्टा ल्यखण सुरू कै दे। जैका बाद लम्क्षी पंत न अनुसूचित जाति कु प्रमाण पत्र बण्यें दे अर आरक्षण कु फैदा बि ले। लक्ष्मी टम्टा तैं 35 सालों बटि विभाग मा काम करणि छायीं। लक्ष्मी पंत तैं अनुसूचित जाति कु प्रमाण पत्र पर नौकरी करणा कु दोष छायीं, इल्लै लक्ष्मी पंत तैं नौकरी बटि हट्ये ग्यें।
अब यखम कै सवाल खड़ा हूंणा छन, पैलि त हमतैं या बात बि समझण प्वाड़लि कि फर्जी प्रमाण पत्र कैथैं ब्वलें जान्द। क्या लक्ष्मी पंत कु जाति प्रमाण पतर कुट चरित छायीं? अगर हां त लक्ष्मी पंत दोषी च, अर ना त हमरू सर्या सिस्टम पर हि सवाल छन? किलैकि क्वीं बि प्रमाण पतर सरकारी दप्तर बटि बण्यें जान्द, इन्न मा लक्ष्मी पंत कु जाति प्रमाण पतर सरकारी दप्तर बटि जारी ह्वै त वु गलत कनुक्वेकि ह्वै सकदु, किलैकि प्रमाण पतर मा साफ लिख्यूं हून्दन कि प्रमाणित कर्यें जान्द कि ये प्रमाण पतरा क सबि मापदण्ंड़ों क जांच कर्यें ग्यें अर जांच मा सबि कुछ सै च अर मि जांच से संतुष्ठ छौं। यु प्रमाण पतर …. ( प्रमाण पतरा जैन जांच कायी ) क आख्या से निर्गत कर्यें जान्द। इन्न मा यां बि मन्यें जै सकदि की लक्ष्मी पंत न अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बणौंणा खूंणि गलत जाणकारि द्यायी, फर फिर सवाल वीं कि आखिर जांच क्यांकि कर्यें ग्यें? इन्न मा अगर लक्ष्मी पंत तैं प्रमाण पतर जारी कर्यें ग्यायी त असली दोषी कोच? जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पतर फर लक्ष्मी पंता क 1988 मा मुख्य सेविका क पद मा नौकरी बि लगिग्यें अर नौकरी क बाद साल 2003 मा लक्ष्मी पंत तैं आरक्षण कु फैदा मिलि अर वु बाल विकास परियोजना अधिकारी बणिग्यें।
यखम सीधु सवाल लक्ष्मी पंत तैं प्रमाण पतर जारी कर्ता पर छन, किलैकि सुप्रीम कोर्ट क साफ ब्वन च कि कै दूसरी जाति कु नौंना दगड़ मा ब्यौ करण से कै बि ब्यटुळा तैं आरक्षण कु फैदा नीं मिळि सकदु। कोर्ट कु ब्वन च कि कै थैं आदिम अर ब्यटुळा कु जाति कु प्रमाण पतर जन्म क आधार पर हून्द अर दूसर जाति मा ब्यौ कैकि जाति नीं बदलि जै सकदी। यांन साफ च कि लक्ष्मी पंत से बडु दोषी व वो च जैन लक्ष्मी पंत तैं अनुसूचित जाति कु प्रमाण पतर जारि कै। लक्ष्मी पंत दोषी च किलैकि वींन दुसरा कु हक लुच्छीं। लक्ष्मी पंत तैं सजा मिलिग्यें। यखम लक्ष्मी पंत से जादा बडु दोषि वु अधिकारी च जैन लक्ष्मी पंत तैं अनुसूचित जाति कु प्रमाण पतर जांच अर जारी कायी, असल जांच यीं बातिक हूंण कि चैंद।