वाह ! जुलै क मैना मा “काफल”

देरादूण। ब्याली प्रधानमंत्री न एक चिट्ठी मुख्यमंत्री धामी तैं लेखिकि अर काफल भेंट करण खूंणि मुख्यमंत्री धामी कु आभार बोलि। प्रधानमंत्री चिट्ठी मा लेखि कि देवभूमि उत्तराखण्ड बटि भेज्यां दय्बतौं कु फल ‘काफल’ मिलि। उन्न लेखि उत्तराखण्ड मा कंद मूल अर फल-फुळ बौत हून्दन। काफल इन्नु हि एक फल च, जै मा दवै क गुण छन, काफला गुणौं क बारा मा आयुर्वेदिक ग्रंथु मा बि ल्यख्यूं च।

यांक बाद हरीश रावत सोशल मीडिया मा एक लेखि वाह! जुलै क मैना मा प्रधानमंत्री न काफला रस्याण चाखि, प्रधानमंत्री जी कु धन्यवाद। उन्न लेखि अखबारु मा प्रधानमंत्री जी क चिट्ठी बि छपि ग्यें पर उमेद च कि या खबर देरादूण तक हि नी ह्वैली। देसा सबि अखबारु मा काफला छ्वीं हूंणि ह्वैली।

उन्न लेखि देय्खा क्या राजनीतिक चलाकी च, हमम बटि क्वादु लुच्छि, बिच्छु घास लुच्छि, ट्वपलि व भंगळु लुच्छि, क्या-क्या लुछणा क कोसिस नी कर्यें ग्यें अर अब काफल बि।

छ्वाड़ा, हमम बटि त लुच्छि, पर इन शब्दु क पिछनै जु समझ, सोच अर कार्यक्रम छायीं ऊं थैं जनता से नी लुच्छा। कखि इन्न न हूयां बल यु चुनावी काफल अर क्वादु क भक्ति हूयां। क्या एक्शन प्लान च, वु त कखि नीं दिख्येंणु च? पर बल अबि त काफल जुलै क मैना मा मिलणु च, या बौत बड़ी खोच च।

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