अब त सूंणा सरकार, नौनियौं क जिकुड़ि क पिड़ा
भारतीय किसान यूनियन क राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत क मनौंणा फर देस क पहलवानु न अपड़ा मेडल माँ गंगा मा नीं बुगैंये। सबि मेडल नरेश टिकैत न एक सफेद झुल्ला मा बांधिक खुचिळि मा धैरि दीं।
साक्षी मलिक विनेश फोगाट अर बजरंग पूनिया अपणा मेडल गंगा मा बुगौंणा खूंणि हरद्वारा पौंछया छायीं। पहलवान डेढ़ घण्टा तक हर की पैड़ी मा बैट्ठा रुणा रै। बजरंग पूनिया अर विनेश फोगाटन ट्वीट कैकि बोलि छायीं कि इण्डिया गेट शहीदु कु स्मारक च, इल्लै हम यख हि अपणा प्राण दे द्युळा। उन्न बोलि कि हम अपड़ा मेडल गंगा मा बुगैं द्युळा। मेडल हमरि ज्यूं छन, हमरि आत्मा छन, मेडल गंगा मा बुगौंणा क बाद ज्यूणा कु क्वीं मतलब नीं च। यांक बाद हम इंडिया गेट मा अनशन मा बैट्ठिी जौंला अर हम देस क सदनि आभारी छौ।
पहलवानु क ज्यू क बात से समझे जै सकदु कि निसाब खूंणि टुप्प चलणु आन्दोलन आज देस मा अपराध ह्वैग्यें। देसा म पहलवान अपड़ा मेडल गंगा बुगौंणा खूंणि गंगा मा पौछ्यां छायीं अर सरकार क तरफि बटि तैं रवक्णा/मनौंणा क्वीं कोसिस तक नी ह्वैं। इन्न मा समझे जै सकदु कि आज देसा स्थिति क्या च? ऊ त भळु हूयां नरेश टिकैत कु जौन उन्न पहलवानु तैं मेडल गंगा मा बुगौंण से रोकि दे। उन्न पहलवानु तैं समझै कि यीं मेडल देस क शान छन, यु तैं गंगा मा बुगौंणा मेडलु कु अपमान च, इल्लै यु मेडल राष्ट्रपति तैं वापिस कर्यें ज्यां।
नरेश टिकैत न पहलवानु क मेडल त अपणि खुचळि मा धेर्रि दीं। अब बडु सवाल यौ च कि जब ‘बेटी बचाओ, बेटी पढा़ओ’ कु नारा लगौंण वलि सरकार नौनियों क दगड़ निसाब नीं करणि च त, क्या नरेश टिकैक ऊतैं निसाब दिलै साकळा ?
इन्न मा अगर यु नौनियों तैं निसाब नीं मिलळु स क्या ह्वालु ,सवाल यौ बि च, क्या भवैष्य मा क्वीं नौनि खेळु मा आण क हिकमत कारली?
कुश्ती महासंघ क अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर जु आरोप छन वैकी जांच हूंण च सिरफ इतगा बोलि कि चुप नी रैयें जै सकदु । बृजभूषण यौन शोषण क आरोप छन इन्न मा पैलि ऊंकी संसद सदस्यता खतम हूंण चैंद यांक बाद जांच हूंण चैंद अर अगर पहलवान गलत छन त ऊथैं बि सजा हूंण चैंद। पर यखम हूंणू उल्टु हि हूंणू च, यखम त जै फर यौन उत्पीड़न कु आरोप च वु संसद मा बैट्ठयूं च अर सर्या दुन्या मा देस कु नाैं चमकौंण वलि नौनि सड़कियों मा पुलिसा लाठा खाणि छन।
हरद्वार मा पहलवान अपड़ा पदक अर प्रशस्ति पत्रों तैं बुगौंणा खूंणि गंगा क कुणा मा बैठया छायीं तब उंका आंखों मा ब्वगडु पाणि देखिक ऊंकी जिकुड़ि क पिड़ा तैं समझे जै सकदु। समझे जै सकदु कि जब खास मनखियौं क ज्यूं कि बात सूणण खूंणि क्वीं त्यार नी च, त आम मनखि कु क्या होलु।
सरकारन ऊ तैं यीं मेडल सु़िद्ध नीं दे। सर्या दिन-रात एक कैकि अपड़ा हडका तुड़ै की उन्न यीं मेडल हासिल करिन अर अपडु देस कु नौं करिन।
यखम सबसे शरमा क बात या च पहलवानु तैं रवक्णा खूंणि सरकार तरफि बटि क्वीं कोसिस नीं कर्यें ग्यें।
आज सर्या देसा आंखौं मा पाणि क धारा छन। च। अब त कैथैं ऊंकी जिकुड़ा क बात सुंणणि प्वाड़ळि किलैकि आजै या पिड़ा सिरफ पहलवानु बेटियौं क हि नीं च या पिड़ा भवैष्य क नौनियौं क बि च अर नौनियौं क सम्मान क बि च।