जगदीश बहुगुणा जी अब हमर बीच मा नीं छन

‘सुबह का सूरज’ अखबारा संपादक जगदीश बहुगुणा जी अब हमर बीच मा नीं छन। वु यीं दुन्या तैं छोड़िक स्वर्ग लोक मा चलिग्यींन।

बहुगुणा जी कु कुछ दिन पैलि बटि खुटौं क अंगुळौं मा घाव छायीं। यांक बाद बि जु रोज दप्तर मा औंणा छायीं। अंगुळौं क घाव इतगा बढ़िग्यें कि ऑपरेशन क नौबत ऐग्यें। चडीगढ़ अस्पताल मा ऑपरेशन हूंणा क बाद उ अपड़ा घौर देरादूण मा ऐग्यें छायीं। बस इतगे बिमार छायीं बहुगुणा जी।

बहुगुणा जी अर मेरी उमर मा बौत जादा अन्तर छायीं, यांका बाद बि ऊंकु दगड़ मा म्यारु बौत अच्छु नातु छायीं। बहुगुणा जी न कबि मि तैं नौ लेकैकि नी बल्यें, सदनि वु मिथैं रावत जी हि बुलौंदा छायीं। एक नै उमंग अर एक नै खिकताट ऊंकी मुखड़ि मा सदनि रैंद छायीं।

आज जन्नि मिथैं या खबर मिलि बल बहुगुणा जी अब हमर बीच मा नी छन त बौत दुःख ह्वै। ऊंकी दगड़ मा बितायु बगत अर उंकी छ्वीं दिमाग मा समळौण बैठिग्येन।

बहुगुणा जी बौत मिलन सार छायीं फर ऊंकी एक खास बात या छायीं कि उ सदनि कैकि बि मदत करण खूंणि त्यार रैंदा छायीं।

ज्यूण, म्वरणु त दुन्या कु सबसे बडु सच च अर यु सच हमथैं स्वीकार करण प्वाड़ळु। भगवान ऊंकी आत्मा तैं शान्ति दियां अर ऊंकु कुटम्दरि तै दुख सैंणा क तागत दियां भगवान से यीं प्रार्थना च।

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