कानून अर समाज . . .

यशपाल बेनाम उत्तराखण्डा राजनीति मा एक बडु़ नौं च। यशपाल बेनाम क नौनि न मुसळमान नौना क दगड़ मा ब्यौ करणु फैसळा कै याली। बेनाम अर ऊंकी पूरि कुटुम्दरि अपड़ि नौनि क ऐ फैसळा क दगड़ मा खड़ी ह्वीं च।
द्वीय कुटुम्दरि झरफर (धूमधाम) से द्वियौं कु ब्यौ करणा खूंणि त्यार छन अर ब्यौ मा न्यूतण खूंणि निमंत्रण पत्र छपें ग्यीन। ब्यौ कु निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया मा वायरल ह्वैंग्य अर सर्या प्रदेस मा भिवड़ाट (हचलच) ह्वैग्यें। चौतर्फा छ्वीं हूंणि लगिग्येंन, क्वीं

एक रिसता कु विरोध करणु च त क्वीं ब्वनु च कि या मा गलत क्या च?

यशपाल बेनाम क नौनि ब्यौ तैं लेकैकि ळोग द्विया तरफा छन। दूसर धर्म मा ब्यौ करण फर ळोगुक द्वी तफर बंटयाँ छन। यां तैं गलत नीं ब्वलें जै कसदु किलैकि कानून यांकी मंजूरि देन्द, अर हमरु समाज इन्न रिसता थैं नीं मानदु। इन्न मा यु मामळा मा बि द्विया बात छन, एक सामाजिक अर दुसर कानूनी च।

दूसरु धर्म मा ब्यौ करणु कैकु बि संवैधानिक अधिकार च। भारतीय संविधान क अनुच्छेद 21 मा ब्वलें ग्यें कि आदिम तैं वैचारिक छूट से नी रुक्यें जै कसदु। जैमा ब्यौ करणा कु अधिकार बि सामिल च। यांका अलाव भारतीय संविधान मा अनुच्छेद-25, अपड़ि मंजूरि से कै बि धर्म तैं मनणा क मंजूरि दिन्द, इल्लै हमर देस मा दुसर धर्म मा ब्यौ करण क मंजूरि च।
इतगै न दुसर धर्म मा ब्यौ करण वळो तैं संवैधानिक अधिकार मिल्यूं च, जै मा क्वीं मनखि घुरचेंद (हस्तक्षेप) त वै थैं संवधानिक अधिकारु क उल्लंघन मन्यें जाळु। इतगे ही न हमरु काननू दूसर धर्म मा ब्यौ करणु बलौं तैं अगनै बढ़ौंणा मा मदत बि करदु।

विशेष विवाह अधिनियम 1954 क जरिया दुसर धर्म क मनण वळों क मनखि क ब्यौ तैं प्राथमिकता देंणा कु बन्दबस्त च।
अब दूसरु बात कि अंतरधार्मिक ब्यौ द्वी अलग अलग धर्म तैं मनण वळा नौन्याळु क बीच मा हूंद अर यु भाारतीय संस्कृति मा जन्ना ब्यौ हूंन्द वां से अलग हून्दन, इल्लै हमरु समाज यु थैं मंजूरि नी देन्दु। दुसर धर्म मा ब्यौ करण वळा नौन्याळु तैं खरसण्या आंख्यिु न दिख्यंे जान्द। अर द्वियों क बीच मा जरा सी बि कुछ खटपट ह्वै त सब्यौं तैं ब्वन कु मौक मिल जान्द। अर इन्न रिसता हमथैं खबरदार करदन। अबि कुछ दिन पैळि हिन्दू ब्यटूळा श्रद्धा वाकर क ऊंक दगड़या आफताब पूनावाला न कतल कै द्यायी। इतगा हि ना दूसर धर्म मा ब्यौ करण वला नौन्याळु तैं जिकुड़ि मा सदनि या बात खटकणि रैंद की उन्न कुछ गलत कायी, यीं कारण च कि रिसता खराब हूंण का बाद बि यु कैथें बतौंण मा झिचकणा रैंदन अर बाद मा ऊंकी दसा इन्न ह्वै जान्द की उ कैथैं कुछ बतै नी सकदन। वु इन्न जिन्दगि जीणा खूंणि मजबूर हूंण प्वाड़दु जख डैर, ठीस, मजबूरि मा रैंण प्वाड़दु। ऊंकू ब्यौ, जै थैं कबि उ अपड़ि पीड़ (प्यार) अर जिन्दगि मा उलार छायीं आज वु सदनि कु झंगज्याद ह्वैग्यें।

यांक बाद इन्न बि दिख्यें ग्यें कि दुसर धर्म मा ब्यौ करण वळा नौन्याळु क बीच मा सबि कुछ ठीक हून्द पर सिरफ बड़ा -बड़ा ळोगु क बीच मा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *