बुढैंदा कु रबड़ाट

उत्तराखण्डा कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर उमरा असर कुछ जादा हि ह्वैग्यें, यीं वु कारण च कि वु खळाखळ विवादित बयान देंणा छन अर चौछ्ड़ि छ्वींयौं मा छन।

अबि कुछ दिन पैळि स्व. इंदिरा गांधी अर राजीव गांधी क हत्या तैं हादसा बतौंणा छायीं। गणेश जोशी न बोलि छायीं कि राहुल गांधी क समझ पर दया औन्द। शहादत पर गांधी कुटुम्दरि कु अधिकारी नीं च। भारता स्वतंत्रता मा भगत सिंह, वी सावरकर अर चंद्रशेखर न बि शहादत दे। जोशी न बोलि कि गांधी कुटुम्दरि क दगड़ मा जु ह्वै, वु हादसा छायीं हादसा अर शहादत मा फरक हूंद। जैमा जन्नि समझ ह्वैळी वु उगता अर उन्नि हि बोलि सकदौ।

स्व इंदिरा गांधी अर स्व. राजीव गांधी क हत्या तैं हादस बतौंण वळा बयान पर चौछ्ड़ि घिरेंणा क बाद भाजपा न गणेश जोशी क बयान तैं उंकु बयान बतै अर गणेश जोशी तैं एकळु छोड़ि दे।

यांका बाद बि जोशी चुप नी रायी अर दुबरा उन्न विवादिन बयान दे द्यायी। अबाकि दा उन्न बोलि कि भाजपा जब सत्ता मा आन्द त सेवा करदि अर कांग्रेस जब सत्ता मा आन्द त दलाली करद। गणेश जोशी न बोलि कि च्या ब्यचणु वळु देस कु प्रधानमंत्री, सिपै कु नौनु मुख्यमंत्री अर एक सिपै मंत्री बणि सकदु, त यु केवल भाजपा मा ही ह्वै सकदु।

गणेश जोशी कु यु बयान कि कांग्रेस जब सत्ता मा आन्द त सिरफ दलाली करदि अर एक सिपै मंत्री बणि सकदु , यु बयान अब गणेश जोशीक गौळें फांस बणिग्यें। जख जोशी फर कांग्रेस हमलाबार च, त बख आम मनखि बि सवाल करणा छन। सवाल छन कि क्या कै खास पार्टी अर कै खास मनखि, जु अब यीं दुंया मा नी छन, उंकु अपमान करणु ठीक च?

जब हम कै फर जब एक अंगुळा उठौंन्दन त चार अंगुळा हमर तरफा बि उठदन या बात जोशी तैं समझम आण चैंद।

हां या बात सच च कि एक सिपै देसा सेवा करदु पर यु बि सच च कि देसा भुरत्या (मजदूर), देसा रैवासी अर कांग्रेस पार्टी हि च जैकि बण्यीं बुनियाद पर आज देस विकासशील देसु क लैन मा खड़ु च। जु हम सब्यौं खूंणि गर्वा बात च।

आज हूंया या भोळ देसा विकास मा राजनैतिक पार्टी चुल्यें जादा देसा रैवासियों कु योगदान हि राळु। देसा विकास मा कैकु बि योगदान तैं भूल्यें नी जै सकदु। हां राजनैतिक दल देसा सेवा कतगा करदन, यु त गणेश जोशी से जादा क्वीं बतै नी सकदु। अर रै या बात कि सिपै मंत्री बणि सकदु त गणेश जोशी तैं बतौंण चैंद कि उन्न कतगा दिन देस सेवा कायीं अर कतगा बन्दुकै गोळि अपड़ि छाती मा खैं? सैद गणेश जोशी यीं छ्वीं-बथौं कु जवाब कतै नी दे सकदा।

इन्न मा गणेश जोशी तैं बुढैंदा अब जादा रबड़ाट नी करण चैंद किलैकि बुढैंदा कु रबड़ाट सदनि अप्फु खूंणि हि खराब हूंद, न कै खूंणि। इल्लैं गणेश जोशी तैं बुढैंदा अपड़ि अलग लैन खिंचण चैंद न कैकि लैन तैं मिटैं कि अपड़ि लैन तैं बडु करणा क कोसिस कर्यां। हमतैं अगनै जांण त कैथैं नुकसान पौंच्यें कि ना, बल्कि अपड़ि मतंग अर विसवास कोसिस अर मेनतान उठण चैंद। हां कैकि लैन तैं खुर्चीं कि छ्वटु त कर्यें जै सकदु पर कामयाब हूंण खूंणि हमतैं बड़ी लैन खिंचणा कोसिस करण चैंद।

अबि हम इतगा हि बोलि सकदा कि खळाखळ पुरणि छ्वीं कैकि देसा अर प्रदेसा भवैष्य नी बण्यें जै सकदु, देसा भवैष्य बणौंणा खूंणि हमथैं अबि भ्वां मा रैकि काम करणा प्वाडळु। नथर जु हम आज बुतणा छा, भोळ वीं हमथैं कटण प्वाड़ळु औरि कुछ न।

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