जिमेबरि हमरि बि च . . .
अंकिता भण्डारी थैं निसाब दिलौंणा क मांग तैं लैकैकि हरीश रावत गांधी पार्क देरादूण मा धरना मा बैठयां छायीं। हरीश रावत कु ब्वन छायीं कि अंकिता कतला कु हमरा पाड़ क नौनी कु कतल कु मामलु ही नीं च, यु हमरि दय्बतौं क भुमि पर भि सवाल छन। जिकुड़ि मा पिड़ा अर आंखों मा पाणि च, भोळ जब इतिहास पुच्छलु कि जब पाड़ की नौनि क सरैळ क दगड़ खेल हूंणि छायीं अर उथैं निसाब नीं मिलणु छायीं, उबरि तुम क्या करणा छायीं? हरीश रावत के सवाल सै छन। सवाल वीं छन जु प्रदेसा जनता खळाखळ सरकार थैं पुच्छणि च। किलै अंकिता कु कतल ह्वै, वु साख सर्विस क्या छायीं? वु वीआईपी कु छायीं, जै थैं सर्विस देंणा कु दबाव अंकिता फर बण्यें जाणु छायीं।
हरीश रावत राजनीति क बड़ा खिल्वाड़ छन। वु जणदा छन कि कब, कख अर किलै कै बारा मा राजनीति करण। ह्वै सकदन कि हरीश रावत ऐ मामलु मा बि राजनीति करणा छन पर सैद ऐ मामला मा हरीश रावत थ्वड़ा देर कैरिग्यीं पर हरीश रावत गलत नीं छन। अंकिता भण्डारी मामलु मा अंकिता क कुटुम्दरि, ळोग अर राजनैतिक दल पैळि बटि हि सीबीआई जांच क मांग करणा छन।
दुसर तरफ ऐ मामळु मा हाईकोर्ट न बोलि कि सीबीआई जांच क करणा क क्वीं दरकार नीं च, एसआईटी जांच अच्छी तरौं करणि च। इन्न मा अब एसआईटी पर बि सवाल छन आखिर वा खास सर्विस क्या छायीं? जै थैं देंणा कु अंकिता पर दबाव बण्यें जाणु छायीं। वु वीआईपी कु नौ क्या छायीं? रिजॉर्ट मा बुलडोटर कैन चलें, रिजॉट सील किलै नीं कर्यें ग्यें, पुलिस हूंणा क बाद रिजॉट मा द्वी बार आग कैनकैकि लग्यें? इन्ना बौत सर्या सवाल छन, जौंकु जवाब अबि एसआईटी नीं दे सकणि च। ईं वु कारण च कि प्रदेस क रैवासी ऐ मामलु मा सीबीआई जांच क मांग करणि च।
या बात सै च कि कानून अपडु काम करणु च अर कारळु पर या बात बि सै च कि सच समणि आण चैंद। आखिर सच थैं किलै छिपयें जाणु च? अंकिता कतल का मामला मा प्रदेस क रैवासियों तै जवाब चैन्द।
हाईकोर्ट क फैसळ क बाद त अब ये मामला मा सीबीआई जांच खूंणि सुप्रीम कोर्ट कु द्वार थैं खटखटौं प्वाडळु किलैकि अंकिता थैं निसाब दिलौंणा क जिमेबरि हरीश रावत हि ना हम सब्यौं क नैतिक अर समाजिक जिमेबरि बि च।