आंखा दिखौंणा क तिकड़म
उत्तराखण्ड क पैल्यक विधायकु न प्रदेस क हित मा एक ‘उत्तराखण्ड पूर्व विधायक संगठन’ बण्यें। पैल्यक विधायकु क ब्वनु च कि ऊंका तजुर्बा कु सै इस्तमाल नीं ह्वै। जै कारण से उन्न प्रदेस क भैल खूंणि सोचि अर यु संगठन बण्यें। जन्न कैकि हमरू तजुर्बा कु फैदा प्रदेस क रैवासियों थैं मिलि सक्यां। अब वु प्रदेस क विकास, अर भलै खूंणि काम करण चाणा छन। ईं यु छ्वीं छन जै फर बौत सर्या सवाल खड़ा हूंणा छन। सवाल छन कि आखिर इन्न क्या ह्वै कि अचाणचक पैल्यक विधायकु थैं प्रदेस क भलै करणा इच्छा ज्यूं मा ह्वै ? सवाल यौं भि च कि आखिर पैल्यक विधायकु थैं जनतै क सेवा करणा क इतगा दरकार किलै च हूंणि। सवाल त यौं भि च अगर पैल्यक विधायकु थैं जनतै सेवा करणा कु ज्यूं मा इतगा उमाल च त या खूंणि संगठन बणौंणा क दरकार किलै। उन्न भि संगठन जनसेवा खूंणि न बल्कि दवाब बणौंणा खूंणि बण्यें जन्दन।
उन्नि भि यु पैल्यक विधायकु थैं कबि भि जनता के बीच मा उंकी दिकदारि थैं लेकैकि अर जनतै क लड़ै खूंणि सड़क्यिों मा सरकार खिलाफ लड़दन हमन कभि नीं देखि। इन्न मा पैल्यक विधायकोंकु ऐ संगठन पर शक हूंणू च कि यु संगठन प्रदेस क भलै खूंणि च कि अपड़ि भलै खूंणि? पैल्यक विधायक अपड़ा कै तजुर्बे अर कै जोर क बात करणा छन। त साब तुमन अगर अपड़ा यु जोर पैळि लग्यु होंन्दु त आज तुम पैल्यक न बल्कि अबि विधायक हून्दन। हां अब या बात भि साफ च कि पैल्यक विधायकु मा अब वा तागत नीं च वु जनता क बीच मा जै सक्यां।
इन्न बडु़ करण हि यों च कि पैल्यक विधायक न केवल सरकारक आंख्यिों मा ज्यूंद रैंण खूंणि हि ना बल्कि संगठन बण्यें कि सरकार थैं आंखा दिखौंणा क तिकड़म करणा छन। अर या बात तब साफ भि ह्वैग्यें जब पैल्यक विधायकु न विधानसभा अध्यक्षा क समणि एक ज्ञापन दे, जैमा पिंसन अर कुटुम्दरि पिंसन थैं बगत-बगत मा बढ़ौंणा क अर बिमारि मा बिना पैसौं कु इलाजा क सुविधा, पेट्रोल, डीजल क बिलु थैं द्वीगुणा करणा क, मकान बणौंण अर गाड़ि मूल्यौंणा खूंणि बिना ब्याज क पैसा दियें जाणा क मांग छायीं।
साफ च कि पैल्यक विधायकु न जु ‘उत्तराखण्ड पूर्व विधायक संगठन’ बण्यें वैकी मंशा सिरफ अर सिफर अपड़ि भलै च वु राज्य क भलै खूंणि बण्यूं संगठन त कतैं नीं च।