विधानसभा अध्यक्षा न विधानसभा मा गलत तरौं ह्वीं 228 भर्तियों थैं खतम करणा कु प्रस्ताव शासन थैं भेजि

देरादूण। उत्तराखण्ड विधान सभा मा ह्वै भर्ति घपरोळ क जांच रिपोर्ट जांच समिति न ब्याली राति विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी थैं दे छै।

विधानसभा अध्यक्षा न आज ऐ बारा मा एक प्रेस वार्ता कायी अर बतै कि जांच समिति न विधानसभा मा ह्वीं भर्तियों थैं नियम विरुद्ध बतै अर सबि भर्तियों थैं खतम करणा बारा मा अपड़ि संस्तुति दे।

विधानसभा अध्यक्षा न बोलि कि उन्न सबि भर्तियों थैं खतम करणा कु प्रस्ताव शासन थैं भेजि याली।

विधानसभा अध्यक्षा न बोलि

जांच समिति न अपड़ि रिपोर्ट 20 दिन मा दे द्यायी।

विधानसभा कर्मचारियों न जांच मा पूर मदत कायी।

जांच रिपोर्ट 214 पेज क च।

जांच रिपोर्ट मा 2016 अर 2021 मा जु भि भर्ति ह्वीं छन, वै मा घपरोल हूयूं च।

जांच समिति न यू सबि भर्ति थैं खतम करणा मा मांग कायी।

विधासभा मा बोलि बल भर्ति खूंणि न क्वीं विज्ञप्ति निकले ग्यें अर न हि सेवायोजन कार्यालय बटि अभ्यर्थी क नौ मंग्यें ग्यीं।

साल 2011 से पैल्यक भर्ति क बाराम उन्न बोल भर्ति पक्की छन, या क बारा मा लीगल सलाह लियें जाली।

विधानसभा अध्यक्षा न बतै बल 2016 से 2022 तकाकि 228 भर्तियों थैं खतम करणा कु प्रस्ताव शासन थैं भ्यजें ग्यें। वखि विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल पर शक हूंणा क कारण ऊंथैं नौकरि बटि निकलें ग्यें।
विधानसभा अध्यक्षान साल 2016 मा 150 भर्ति , साल 2020 मा 6 भर्ति, अर 2021 मा 72 भर्ति थैं खतम करणा क संस्तुति शासनक मंजूरी खूंणि भ्यजणु छौ। उन्न बोलि जनि शासन बटि जनि मंजूरी मिळालि। उन्नि विधानसभा मा नियम विरूद्ध नौकरि करणा वलौं क नौकरि खतम करै जाली।

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