एफआरआई भर्ति घपलों क हूंण चैंद सीबीआई जांच : सेमवाल
देरादूण। एफआरआई भर्ति मा ह्वै घपरोळ फर यूकेडी न सीबीआई, सेंट्रल विजिलेंस कमीशन अर केन्द्रीय वन मंत्रालय थैं जांच करणा कि अर कसूरबार थैं सजा देंणा क मांग कायी। ऐ बारा मा यूकेडी न केन्द्रीय एजेंसियों थैं चिट्ठी लेखि।
यूकेडी क केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल न बतै ब पैळि भि यूकेडी न एफआरआई मा एमटीएस क भर्ति मा सवाल खड़ा कै छायीं। जै का बाद एफआरआई प्रबंधन भर्तियों थैं त खतम कै द्यायी पर जु कसूरबार छायीं ऊ फर क्वीं कारवै नि कायी अर दूसर तरफ एफआरआई न भर्ति दूबरा सुरू कैरि याली। उन्न बोलि पैळि भर्ति मा पकड़यां अभ्यर्थियों पर भि पुलिसन क्वीं कारवै नि कै अर थाणा मा लिजेकि छोड़ि दे।
शिवप्रसाद सेमवालन आरोप लग्यें कि एफआरआई मा अफसरू क, ऊंका रिसतेदारू का नौना अर उत्तराखण्ड क भैरक प्रदेसु क नौना नौकरि पर लगणा छन।
उन्न बोलि कि एफआरआई मा पेपर लीक अर पैंसा देकैकि नौकरि दियें जाणि च। उन्न यांकि जांच करणा क मांग कायी।
शिव प्रसाद सेमवालन बोलि एफआरआई मा एमटीएस, फॉरेस्ट गार्ड अर फॉरेस्टर क भर्ति मा बौत बडु घपरोळ कर्यें ग्यें। उन्न बोलि टेक्निकल असिस्टेंट क पदु मा ह्वीं भर्ति मा घपरोळ ह्वै पर यांक बाद भि क्वीं कारवै नि ह्वै। उन्न बोलि या से साफ हूंण च कि ऐ घपरोल मा बड़ा अफसर भि सामिल छन।
शिवप्रसाद सेमवालन बोलि एफआरआई मा उत्तराखण्ड क 300 कर्मचारियों थैं, जु 20 साल बटि नौकरि करणा छायीं नौकरि बटि निकलें ग्यें, अर ऊंक जगा मा नाकारा लोगुक थैं भर्ति कर्यें ग्यें।
सेमवालन बोलि ऐ मामला मा जल्दी कारवै हूंण चैंद नथर यूकेडी भर्ति मा ह्वै घपरोल क खिलाफ सडक्यिों मा आन्दोलन कारली।