‘अग्निपथ योजना’, द्विया तरफ बटि ट्वटा हमरू हि च

सर्या देस अबि अग्निपथ क आग मा जल्णुं च। योजना स रूस्यां जुवान नौना सड़क्यिों मा छन अर गाड़ियों, रेल गाड़ियों मा आग लगाणा छन, पुलिस लाठा चलाणिच। सड़क्यिों मा सब कुछ ऊं हूंणि च जू नि हूंण चैंद। दूसर तरफ कांग्रेस अर भाजपा क एक दूसर पर आरोप लगाणा क राजनीति सुरू ह्वैग्यायी।

अग्निपथ क आग देस हि न बल्कि उत्तराखण्ड मा भि लग्यीं च। सवाल यों च कि आखिर अग्निपक्ष योजना मा इन्न क्या च कि जुवान नौना सड़क्यिों मा छन अर सड़क्यिों मा उपदरू कैकि गाड़ियां थैं फुकणा छन।

त बतै दिंया बल द्वी साल बटि फौज मा कुईं भर्ति नि ह्वै। जैमा कतगे नौना इन्न भि छन जौन द्वी साल पैलि फौज मा भर्ती खूंणि मेडिकल अर शारीरिक इन्तयान पास कैरि याली छायी अर ऊथैं अब नौकरी क आस छायीं। लेकिन सरकारन पूरणि सब्यां भर्ती थैं खतम कैकि उंकी ईं आस थैं भि तोड़ि द्यायी। इन्न मा उ जुवान नौना कु रूसांणु सै च।

‘अग्निपथ योजना’ मा चार सालक नौकरि जुवान नौनों थैं रास नि आणि च। ईं अग्निपथ योजनाळ नौनों क फौज मा नौकरि करण क सुपिनौं थैं फौकड़ा (पंख) लग्ण सै पैळि हि कट्टि याली।

बड़ु सवाल यों च आखिर, सरकारन केवल चार साल खूंणि भर्ती करणा क या योजना किलै बण्यें? क्या सरकार कु मकसद सरकार पर सेना क तनखा अर पेंशन कु प्वड़न वलु भार थैं कम करणा कु च? अग्निपथ योजना मा 4 साल बाद 25 प्रतिशत जुवानु थैं हि फौज मा भर्ती करै जालु अर बाकी सब्यां 75 प्रतिशत थै भैर करें जालु। बड़ु सवाल यों भि च कि चार साल बाद यू जुवानु कु क्या होळ? क्या दूबरा ऊंथैं नौकरि क लैन मा लगण प्वाड़ळु?

इन्न सवाल यौं भि च 4 साल मैनत करणा कर बाद या फौज हम कै खूंणि त्यार करण छा? क्या हम चार साल बाद सिरफ अर सिरफ डण्डा पकड़िक चौकिदरि करण क फौज त्यार करण छा? जन सरकार ब्वलणि च कि यू थैं पुलिस, अर्द्धसैनिक बल मा नौकरि दियें जाली। अब सवाल यखि बटि खड़ा हूंणू च कि जब जुवान नौना थैं पुलिस या फिर कै भि अद्धसैनिक बल मा हि नौकरि करणि छायी त यांकि त्यारि वू पैलि बटि करदा। उथैं फौज मा भर्ती ह्वै कैकि अग्निवीर बणणा क क्या जरूरत च? हमर देस मा हर जुवान नौना कु स्वपिनु हूंद फौज मा जाणा कु। देस क सेवा करणा कु।

32 साल फौज मा नौकरि क बाद भि फौजि थैं दूबरा नौकरि क लैन मा दिखें जै सकद। इन्न मा कैनकैकि सरकार या फिर जू आज चार साल बाद नौकरि देंणा क छुईं करण छन ऊँ पर कैनकैकि भरोसु करै ज्यां यू भि बडु़ सवाल च? इन्न मा 4 साल नौकरि थैं लेकैकि जुवान नौना क जिकुड़ि मा अपड़ा भविष्य थैं लेकैकि चिंता हूंण जरूरी च। नौना मा देस सेवा, अर भविष्य क चिंता च।

भविष्य क चिंता जरूरि च लेकिन ऐ बात कु यू मतलब कतै नि च उथैं कानून अपड़ा हत्थौं मा लिंण चैंद। लोकतंत्र मा विरोध सब्यों क अधिकार च लेकिन विरोध मा आग लगौण, अर उपदरू करणा कु कै थैं भि हक नि च।

इन्न मा जुवान नौना थैं समझाणा क जिम्मेबरि हमरि भि च कि ऊथैं अपड़ि मांग शांन्ति से सरकार तक पौंचाणा प्वड़ळि न कि उपदरू कैकि। उपदरू कैकि अर आग लगैकि नुकसान कैकु च या समझाण वलि बात च। यख मा नुकसान देस कु हि च जैकि हम सेवा करण चाणा छा। ट्वटा (नुकसान) द्विया तरफ बटि (आग लगैकि अर 4 चार नौकरि कैकि) हमरू हि च औरि कैकु नि च।

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