स्मार्ट सिटी दून की सड़कों पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए दौड़ रहे जुगाड़ वाहन, कोई नहीं है रोकने वाला
दून। स्मार्ट सिटी राजधानी देहरादून की सड़कों पर जुगाड़ (आधी मोटर साईकिल आधा रिक्शा) वाहन सरेआम ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए दौड़ रहे हैं। ये वाहन खुद के साथ-साथ सड़क पर अन्य वाहन चालकों के लिए भी बड़े हादसे को न्यौता दे रहे हैं।
स्मार्ट सिटी देहरादून की सड़कों पर आधा स्कूटर/मोटर साईकिल से बनाए गये इन जुगाड़ों का राज है। ऐ वाहन सड़कों पर खुले आम सरिया से लेकर लम्बे-लम्बे बांस, सैटरिंग के फट्टे, बैल्डिंग से बने सामान गेट, खिड़की आदि को बेखौफ ढ़ोते नजर जा जाते है। जुगाड़ वाहन क्षमता से अधिक सामान व वाहन की बॉडी से बाहर निकले लोहे के सामान प्रायः दुर्घटना का सबब बनते है। आए दिन यह गुजाड़ा क्षमता से अधिक माल के कारण सड़कों पर दुर्घटना ग्रस्त होते रहते है।
नियमानुसार किसी भी वाहन की बॉडी से सामान बाहर निकालकर चलाना अपराध है। इन वाहनों की बाकायदा लोडिंग क्षमता होती है। लेकिन राजधानी में इन सब नियमों को ताक पर जुगाड़ वाहन चल रहे हैं।
इस प्रकार के जुगाड़ द्वारा तैयार वाहनों का शहर में मुख्य ट्रैफिक के बीच चलाना बेहद खतरनाक साबित होता है क्योंकि माल ढ़ोने हेतु मोटरसाईकिल पर लगी इनकी चैसिस काम चलाऊ होती है साथ ही इनकी ब्रेकिंग सिस्टम भी काम चलाऊ होते है। यहां तक की इन जुगाड़ द्वारा तैयार वाहनों में नम्बर प्लेट तक भी नहीं होती। बिना किसी मानक स्तर के होने के चलते इनके काले धुएं से वातावरण में बेहिसाब पॉल्यूशन फैलता है। सड़क पर चलते हुए ऐसे वाहनों का कौन सा पूर्जा कब खुल जाए और हादसा हो जाए इसके लिए कुछ कहा नहीं जा सकता।
नियमानुसार मोटर ब्हीकल के अनुसार वाहन में किसी भी प्रकार का बदलाव करना मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अपराध है। लेकिन राजधानी में इन सब नियमों को ताक पर रखकर वाहन चल रहे हैं।
शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई:
इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण सेनानी संघ के संयोजक रविन्द्र प्रधान का कहना है कि उनके द्वारा आरटीओ देहरादून को मिलकर इस सम्बन्ध में लिखित शिकायत की गई लेकिन किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि ऐसे जुगाड़ वाहनों को सड़क पर दौड़ाया जाना जहां ट्रैफिक नियमों की उल्लंघन की श्रेणी में आता है वहीं यह वाहन सड़कों पर कभी भी खतरनाक साबित हो सकते हैं।