फूळों क घाटी ख्वलणा क त्यारि जोरू पर
सर्या दुन्यां मा प्रसिद्ध फूळुक घाटी सैलानियों खूंणि जून क मैना मा ख्वलें जाली। वन विभागळ फुळकु घाटी जाण वळ वाटु थैं ख्वलणा खूंणि पेट्रोलिग कायी। टीम न ह्यूं (बर्फ) से ह्यां नुकसान क जायजा ल्यायी। ऐसु क साल घाटी मा सैलानियों खूंणि भलि व्यवस्था कु प्लान बण्यें जाणु च।
दिसम्बर अर जनवरी मा प्वड़यु ह्यूँ क बाद पैळि बार फूलुक क घाटी मा वन अधिकारी पौंचि। 9 जनों क दल 6 दिन तक यख पेट्रोलिंग कायी। पेट्रोलिंग दल न ब्वाल कि घाटी मा बामणधोड़, दवारीपैरा मा ग्लेशियर टुटीक अयां छन जू 14 से 15 फुटक छन। जौ थैं हटौणा कु काम हूंणू च।
बतै दियां कि फूळुक घाटी मा सर्या दुन्यां क पर्यटक अन्दिन अर ऐसु क साळ यख जादा पर्यटकों क आणा क आस च। जै कारण से विभाग त्यारि पर दिख्येणु च।
चमोली जिला मा फूळुक घाटी समुद्र बटि 3352 से 3658 मीटर ऊचैं पर च 1982 मा ईं घाटी थैं धरोहर कु दर्जा दियें ग्यें छायी। ईं घाटी मा कूदरत के खुबसूरती क दगड़ा बणोंकु जीवनक भि दिख्येंदन। पिछळ द्वी साल कोरोना के कारण फूळुकु घाटी सैलानियों खूंणि बन्द छायी। जै कारण से ऐसु का साळ यख बौत जादा सैलानियों क आणा क आस च।