2022 विधान सभा चुनौं : उत्तराखण्ड रैवासियों न राजधानी गैरसैंण, भू-कानून मैग्यें, बेराजगारी जन मुद्दों थैं एक कूण (किनारे) मा कैरि द्यायी
उत्तराखण्डै जनता न राजधानी गैरसैंण, भू-कानून मैग्यें, बेराजगारी जन मुद्दो थैं नकारिक भाजपा थैं दुबरा प्रदेस क सत्ता सौंपि द्यायी। भाजपा न पांच साळु मा सरकार बदळणा मिथक थैं भि तोड़ि द्यायी। 70 मा बटि 47 सिट्टयों मा जीतणा के बाद भाजपा एकदा दुबरा प्रदेस मा सरकार बणाणा कु मौका मिळ ग्यायी।
गढ़वाल मा 41 मा 29 भाजपा, कुमौं क 29 सिट्टयों बटि 18 भाजपा थैं मिळि। कांग्रेस थैं मिळि 19 सिट्टयों मा 10 सीट मैदानि सिट्टयूं बटि मिळि।
2022 चुना मा कांग्रेस अर भाजपा के बीच मा हि मुकाबळा छायीं लेकिन भाजपा ने जीत हासिळ कायी उन्न आस न त कांग्रेस थैं छायी अर न जन प्रदेस रैवसियों थैं। कांग्रेस यांका भरोरू रै ग्यायी कि प्रदेस के रैवासी 5 साळु मा सरकार थैं बदळि कैरि दिन्दन। लेकिन अबकदा प्रदेस रैवासियों न कांग्रेस का जैमा प्रदेस क मुखिया के सुपिन्यु देय्खण बळा हरीश रावत, कांग्रेसे प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाळ, गोविन्द सिंह कुंजवाळ, नवप्रभाज करण मेहरा, अर दिनेश अग्रवाळ जना बड़ा बड़ा नेता छन थैं हर्रि द्यायी।
बसपा अर निर्दळीय द्वी त आम आदमी पार्टी अर यूकेडी कु खाता भि नि खुळि। हां भाजपा थैं पिछळ चुनौं क मुकाबळा मा 10 सिट्टयों क नुकसान जरूर ह्वै। अर कांग्रेस खूंणि खुसी क बात या च कि वा 11 बटि 19 सिट्टयों मा पौंचि ग्यायी। भाजपा थैं पिछळ चुनौं से 2 प्रतिशत कम लगभग 44.3 प्रतिशत बोट मिळि। जै थैं देखिक बल्यें जै सकद कि प्रेदस के मनखि भाजपा क खिलाफ नि छायीं। हां इतगा जरूरी कि भाजपा के मुख्यमंत्री क मुखड़ि पुष्कर सिंह धामी जरूर हार्रि ग्यीं।
चुनौं मा जख भाजपा चुनौं प्रचार करणि छायीं त दुसर तरफ कांग्रेस टिकट बटवारू त कभि एक दुसर पर आरोप लगाणा मा हि लग्यी रायी। कांग्रेस केवळ भाजपा क मुख्यमंत्री बदळण, अर तीन तिगाड़ा, काम बिगाड़ा जन नारों थैं लेकैकि मोदी के पिछने हि प्वड़ि रायीं।
पिछळी बार से अबक दा चुनों मा कांग्रेस क बोट प्रतिशत 33.5 प्रतिशत बटि बणिक 37.9 प्रतिशत ह्वैग्यी लेकिन तब्बि कांग्रेस 36 क आंकड़ा से दूर हि रैग्यायी। दुसर बात कि भाजपा मा एक दिन पैळि कांग्रेस बटि अयां नेतों क मज्जा हि मज्ज ह्वैग्यी। भाजपा बटि कांग्रेस मा ग्यां नेताओं के मुखड़ि दिखाणा लैक भि नि रायी।
कांग्रेस महिळा अध्यक्ष सरिता आर्य अर किशोर उपाध्याय यांका उदाहरण छन। द्वी भाजपा क टिकट पर चुनौं जीति ग्यीं। त भाजपा बटि कांग्रेस मा ज्वां कैबनेट मंत्री यशपाळ आर्य त जरूर जीत ग्यीं पर अपड़ा नौंना के सीट नि बचै साका। अर सबसे बडु बात हरक कि हनक उतरि ग्यायी। हरक भाजपा मा अपणि नौंना क घरवळि अनुकृति गुसाई खूंणि लैंसडाउन बटि टिकट मंगणा छायी। कांग्रेस न हरक क नौंनाक घरवळि अनुकृति थैं लैंसडाउन बटि टिकट द्यायी। हरक कु दावा छायी कि लैंसडाउन हि न बल्कि लैन्सडाउन से लग्गि सीट्टियों मा उंकू प्रभाव च लेकिन अनुकृति लैंसडाउन सीट हारि ग्यायी। कांग्रेस इतगा भि आंकळन नि लग्यें साकी कि कख बटि अर कु उम्मीदवार जीतणा छन। ई उं कारण च कि कांग्रेस यमुनोत्री बटि बागी निर्दळीय मैदाना मा संजय डोभाळ चुनौं जीत ग्यीं। साफ च कि कांग्रेस मा टिकट बटणा मा भि गुटबाजी शामिळ छायी।
प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, अर योगी आदित्यनाथ न अपड़ा प्रचार भाजपा के जीतक बुनियाद मजबूत कायी। खास कैरिक पाड़ मा पाड़क ब्युटिळोंन भाजपा पर जादा भरोरू कायी। भाजपा ने पांच साळु मा तीन मुख्यमंत्री अर दीन्न त चुनौं मा 15 विधायकों का टिकट काट दींन।। प्रदेस मा प्रधानमंत्री से लेकैकि अमित शाह क रैळी करि। जैकु मुकाबळा करणा खूंणि कांग्रेेस मा कुईं काट हि नि छायी। कांग्रेस पिछळ चुनौं मा द्वी जगों बटि चुनौं हरणा वळा हरीश रावत क भरोरू हि चुनौं का मैदान मा छायीं।
प्रदेस के विकल्प बणणा के दावा करण वळि आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार कर्नळ कोठियाळ अपणि जमानत तक नि बच्यें साक्यां। आम आदमी क उम्मीदु पर प्रदेस के मनिखयों न झाडु़ हि लग्यें दे।
उत्तराखण्ड मा सबसे बड़ी हार यूकेडी क ह्वै। क्षेत्रीय दल कु तगमा लग्यें कि राजधानी गैरसैंण, भू-कानून, मैग्यें, बेराजगारी क लड़ै लड़णा वळि यूकेड़ी थैं प्रदेस जनता न एक कूण मा कैरि द्यायी। यूकेडी खाता ख्वळण त दूर चुनौं मा यूकेडी कु कखि जनाधार तक भि नि दिखें।
उत्तराखण्ड मा 2022 मा चुनौं का परिणाम थैं ळेकैकि सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज न मतदान का बाद एक सर्वे कायी। सर्व मा या बात निकळी क आई कि उत्तराखण्ड क 7 प्रतिशत मनखि हि प्रदेस सरकारक काम काज से खुस छायी लेकिन दूसर तरफ मोदी सरकारक काम से 54 प्रतिशत प्रदेस क मनखि खुस छायीं। ईं यू बडु कारण च कि प्रदेस क रैवासियों ने भाजपा थैं दुबरा उत्तराखण्ड के सत्ता मा बैट्ठें द्यायी।
साफ च प्रदेस क रैवासियों थैं राजधानी गैरसैंण,भू-कानून, मैग्यें,बेराजगारी जन मुद्दों से कुई मतबळ हि नि च। अर पुष्कर सिंह धामी थैं हरणा क बाद या बात भि साफ ह्वै जांद कि प्रदेस के रैवासी प्रदेस सरकार थैं न बल्कि मोदी अर मोदी क नौं पर हि बोट भाजपा थैं द्यायी।