जनता चुप, अर नेताजी उमचाट मा (परेशानी)!
14 फरवरी खूंणि प्रदेस मा चुनौं छन। विधानसभा चुनौं 2022 मा राष्ट्रीय, क्षेत्रीय दल अर निर्दळीय चुनौं मैदान मा छन। दिख्यें जावा त क्षेत्रीय दळ अर निर्दळीय त बौत कम सिट्यूंमा मुकाबळा मा छन। अब अगर उत्तराखण्ड के क्षेत्रीय दळक बात कर्यां त उत्तराखण्ड कांन्ति दळ थैं हि हम क्षेत्रीय दळ बोळि सकदो। लेकिन यखम स्वचण वळि बात यिं च कि क्षेत्रीय का नौं पर यूकेडी मा चुनौं लड़णा खूंणि 70 मनखि भि नि छन।
भापजा अर कांग्रेस प्रदेस के सब्यां 70 सिट्यूं मा मुकाबळा मा छन। प्रदेस मा असळि लडैं भाजपा अर कांग्रेस क बीच हि च। साळ 2002, 2007, अर 2012 त 2017 क चुनौं ईं बात थैं साबित भि करणा छन।
दिख्यें ज्यां त उत्तराखण्ड क विधानसभा चुनौं मा क्षेत्रीय दल हमेसा मुकाबळा करणा से बचणा रैंदन। इन्नों 2017 चुनौं मा भि देय्खणा खूंणि मिळि छायीं।
भाजपा पांच साळु मा तिन मुख्यमंत्री देंणा क बाद ज्वान मुख्यंमत्री पुष्कर सिंह क नौं पर चुनौं मैदान मा च। जख भाजपा कु केन्द्रीय नेता से लेकैकि प्रधानमंत्री उत्तराखण्ड मा वर्चुअळ, त कुछ नेता देय्ळु-देय्ळु जैकेकि पार्टी कु जोर-शोर से प्रचार करणा। अर भाजपा खूंणि बोट मंगणा छन।
भाजपा ज्वान मुख्यंमत्री पुष्कर सिंह क नौं पर चुनौं मैदान जरूर च लेकिन आज भि भाजपा क चुनौं क गदनु पार करणा क जिमदरि मोदी जी क कान्धों मा हि च।
अब कांग्रेस क बात करदों त कांग्रेस पार्टी अपड़ा सबसे ताकतवर नेता हरीश रावत क भरौसु पर भाजपा थैं टक्कर देंणि च। ऐसु क चुनौं मा भि कांग्रेस क हरीश रौत अपड़ि राजनैतिक शान से मैदान मा खड़ा ह्यां छन। कांग्रेस क सर्या राजनीति हरीश रावत क चर्या तरफ हि घुमणि च।
त दूसरि तरफ जनता थैं कुछ भि समझ मा नि आणु च, जनता स्वचणि च कि यूं कन्नु लोकतंत्र च जख लोक (जनता) थैं अपडु जन प्रतिनिधि क चुनौं क अधिकार भि नि च। मनखि सेवा क नौं पर नेता पैसा देकि (भाजपा अर कांग्रेस कु ) हमरू प्रतिनिधि बणणां कोसिस करणा छन। उत्तराखण्ड मा चुनौं से पैळि टिकटक लड़ैं मा क्या ह्वै सब जंणदा छन। साफ च कि राजनीति मा कैकु कुईं धर्म नि च, कैकु कुईं विचार नि च, अर राजनीति कुईं सेवा नि च। साफ च कि राजनीति सिरफ कुर्सी क खेळ च। यख आम जनता थैं मुख्यमंत्री त छ्वाणा अपड़ा विधायक थैं यू पुच्छणा कु भि अधिकार नि च कि ‘भै पांच साळ तक कख रैं तू’।
यिं उ बडु़ कारण च कि अबक दा जनता क गुच्चु बन्द छन। जै करण से नेताऔं क बरमण्ड मा चिंता क लैन साफ दिख्येंणि च।
बस अब दय्खण वळि बात या च कि 14 फरवरी खूंणि जनता कैकु बटन दबान्द अर सत्ता क कुर्सी मा बैठान्द। 2022 चुनौं मा क्या हूंद, यूं त भविष्य क पुट्गा मा च। सै तसवीर त बोट गिन्ति क बाद हि समणि आळि।