धर्मपुर विधानसभा, भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है मुकाबला

दून। देहरादून की धर्मपुर विधानसभा सीट हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में है। 2008 में हुए परिसीमन के बाद धर्मपुर को विधानसभा सीट बनाया गया था। धर्मपुर सीट पर हुई चुनावों में अब तक मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच रहा है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा ने बारी-बारी से जीत हासिल की। वर्तमान में धर्मपुर विधान सभा सीट भाजपा के विधायक विनोद चमोली के पास है।

धर्मपुर विधानसभा सीट के लिए साल 2012 में पहली बार वोट डाले गए थे। तब धर्मपुर के मतदाताओं ने कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल को विधायक चुना था। 2012 में धर्मपुर सीट पर कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल ने भाजपा के प्रत्याशी प्रकाश सुमन ध्यानी को हराया था।

2017 में धर्मपुर सीट पर भाजपा के देहरादून के मेयर विनोद चमोली को प्रत्याशी बनाया। 2017 में विनोद चमोली ने इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के सीटिंग विधायक दिनेश अग्रवाल को हराया था। इस चुनाव में भाजपा के विनोद चमोली को 53,828 वोट मिले जबकि कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल को 42,875 वोट पर ही संतोष करना पड़ा।

एक बार फिर 2022 में धर्मपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला में भाजपा के विनोद चमोली और कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल आमने- सामने हैं।

धर्मपुर उत्तराखंड विधानसभा मौजूदा समय में देहरादून जनपद की सभी 10 सीटों में से सर्वाधिक मतदाता वाली सीट हैं। इस सीट पर अजबपुर, केदारपुर, मोथरावाला, देहराखास, कारगी, बंजारावाला, टर्नर रोड, क्लेमेनटाउन, चंद्रबनी, पटेलनगर, मेहूंवाला, चानचक जैसे बड़े इलाके शामिल हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में पौने दो लाख से अधिक मतदाता हैं। जिममंे 50 प्रतिशत पहाड़ी मूल, 20 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं के साथ वैश्य, गोरखा जाति के साथ अनुसूचित जाति के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। मुस्लिम मतदाताओं के साथ गोरखा वोट बैंक को मूल तह कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है, लेकिन 2017 में मुस्लिम आबादी के साथ गोरखा वोट बैंक का एक एक बड़ा हिस्सा विनोद चमोली के पाले में खिसक गया। साथ ही चमोली को चमोली को पर्वतीय मूल को होने के कारण पर्वतीय लोगों को भरपूर समर्थन मिला।

धर्मपुर विधानसभा में यदि विकास की किसी बड़ी कार्ययोजना की बात करें तो वह है केदारपुर, बंजारावाला, मोथरावाला, चॉनचक क्लेमेनटाउन जैसी बड़ी आबादी में सीवर लाइन के कार्य की। क्षेत्रवासियों का सीवर लाइन का यह सपना एक बार फिर सर्वे तक ही सिमट कर रह गया।

धर्मपुर विधानसभा के मतदाता विकास कार्यों से जुड़े मसलों पर हमेशा मुखर रहते हैं। यहीं वो बड़ा कारण कि भाजपा के नाराज कार्यकर्ताओं ही विधायक विनोद चमोली पर 5 साल में विकास के नाम पर कोई काम नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। साफ है कि इस बार विनोद चमोली को क्षेत्रीय जनता साथ अपने ही कार्यकताओं की नाराजगी झेलने पड़ रही है।

वहीं दिनेश अग्रवाल की बात की जाय तो पिछले चुनाव में कांग्रेस से छींटकर भाजपा के पाले में गया मुस्लिम मतदाता इस बार कांग्रेस के साथ खड़ा नजर आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ दिनेश अग्रवाल के पाले में एक बड़ी बात जो जाते दिख रही है वह है उनके धुर विरोधियों का दबी जुबान यह कहना कि ‘काम के मामले में दिनेश अग्रवाल को कोई सानी नहीं’।

ऐसे में वर्तमान विधायक चमोली के समाने सबसे बड़ी चुनौती ही यह है कि वो जनता व अपने नाराज कार्यकताओं की नाराजगी को कैस दूर करते है और धर्मपुर सीट पर सारे मिथकों (एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा) को तोड़ते हुए भाजपा की जीत का दुबरा परचम लहराते हैं।

अन्तिम फैसला क्षेत्रीय जनमानस का है, अब बस देखने वाली बात यह है कि इस बार जनता विनोद चमोली के विकास कार्यों पर मुहर लगाती है या फिर दिनेश अग्रवाल को अपना आशीर्वाद देती है।

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