नहीं रहे सीडीएस जनरल विपिन रावत, हेलीकॉप्टर हुआ दुर्घटनाग्रस्त
नयी दिल्ली। रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और कुछ वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को ले जा रहा वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु में नीलगिरि जिले के कुन्नूर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, इसमें 14 लोग सवार थे, जिसमें से एक व्यक्ति जीवित बचा है।
नीलगिरि जिले के कलेक्टर एस पी अमृत ने समाचार न्यूज ऐजन्सी यूनीवार्ता को बताया कि हेलीकॉप्टर पर सवार लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति ही जीवित बचा है। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का मलबा पूरी तरह जलकर खाक हो गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें घटना की जानकारी दी। इससे पहले सेना प्रमुख एम ए म नरवने ने राजनाथ सिंह से साउथ ब्लॉक में उनके कार्यालय में मिलकर जनरल रावत के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी दी। जनरल नरवने जनरल विपिन रावत के आधिकारिक आवास पर भी गये।
दुर्घटना कुन्नूर बस स्टैंड से करीब पांच किलोमीटर दूर घाटी में हुई। दुर्घटना स्थल के पर घना जंगल है और वहां पहुंचने में काफी दिक्कतें आती हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हेलीकॉप्टर का एक ब्लेड एक पेड़ से टकरा गया, उसके बाद हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने ट्विटर पर एक संदेश में कहा कि उन्हें सीडीएस रावत के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के समाचार से आघात लगा। वह दुखी हैं। उन्होंने कहा कि वह घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं।
जनरल रावत सुबह विशेष विमान से नयी दिल्ली से सुलूर गये थे, जहां से वह पत्नी मधुलिका रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एम 17वी 5 हेलीकॉप्टर से वेलिंगटन जा रहे थे, जहां उन्हें सैन्य स्टॉफ कालेज में व्याख्यान देना था।
कट्टेरी निवासी एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “ मैं जोर की आवाज सुनने के बाद घर से बाहर निकला और दौड़कर देखा कि एक हेलीकॉप्टर घाटी में नीचे की ओर आ रहा है। वह एक पेड़ से टकराने के बार गिर गया। वहां बहुत तेज आग दिखाई दी जिससे वह मौके पर नहीं पहुंच सका। ”
हेलिकॉप्टर में यह लोग सवार थे
हादसे का शिकार हुए एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर में जनरल रावत उनकी पत्नी के अलावा 12 लोग और थे। इनके अलावा ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा और हवलदार सतपाल सवार थे.
घने जंगल और कम विजिबिलिटी हादसे की वजह
दिल्ली में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार हादसे की वजह घने जंगल और कम विजिबिलिटी रहे। खराब मौसम के दौरान बादलों में विजिबिलिटी कम होने की वजह से हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी. लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलिकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भर रहा था। इस हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कमांडर और सीओ रैंक के अधिकारी थे, ऐसे में मानवीय भूल की आशंका न के बराबर है।