उत्तराखण्ड मा भि टंगटंगु (सख्त) भू-कानून बण्यें जाणा चैंद : उत्तराखण्ड सिविळ सोसायटी
देरादूण। प्रदेस मा भू काननू ळागू करणा अर गैरसैंण थैं राजधानी बणाणा खूंणि अळग-अळग संगठनों न एक दगड़ मा मिळि कैकि आज देरादूण क उज्ज्वल रेस्टोरेंट मा उत्तराखण्ड सिविळ सोसायटी क झण्डा क ताळ एक प्रेस वार्ता कायी।
उत्तराखण्ड सिविळ सोसायटी ने “मेरी राजधानी, मेरा रोजगार, सख्त भू काननू बनाए सरकार।” एक सूत्र वाक्य जारी कायी। अर ब्वाळ कि उत्तराखण्ड मा प्रदेस सरकारूळ प्रदेस क 21 साळ बरबाद कै दीं। उत्तराखण्ड सिविळ सोसायटिळ सरकार से 18 सूत्रीय मांग कायी। जैमा –
गैरसैंण थैं प्रदेस क राजधानी बण्यें जाणा क मांग।
हिमाळय प्रदेसों थै मिळयूूं भू कानून क त्रौं उत्तराखण्ड मा भि टंगटंगु (सख्त ) कानून बण्यें जाणा क अर मूळ निवास क गणना 1950 बण्यें जाणा का मांग।
प्रदेस क सब्बि औद्योगिक अर व्यवसाययिक काम 80 प्रतिशत प्रदेस क रैवासियों थैं काम दियें जाणा क मांग।
सरकारि विभागु मा भर्ति करैं जाणा मांग।
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण मा सक्रिय आन्दोळनकारियों थै 10,000 रूप्या, जेळ ज्यां आन्दोळनकारियों थैं 15 हजार रुप्या, अर विकलांग आन्दोळनकारियों थैं 20 हजार रुप्या मैना मा पिन्सन दिंणा क मांग छन।
प्रेस वार्ता मा वक्ताओं न ब्वाळ कि उत्तराखण्ड सिविल सोसायटी कै भि दळगत राजनीति का हिस्सा नि च। उन्न ब्वाळ कि हमरू एक उद्देश्य आंदोळन क वीं साख थैं पाणु च जैकि आज उत्तराखण्ड मा बौत जादा जरूरत च। उन्न ब्वाळ कि उत्तराखण्ड सिविळ सोसाइटी का सब्बि सदस्य 9 नवम्बर, राज्य स्थापना क दिन 18 सूत्रीय मांग बिन्दुओं पर संकल्प ल्याळा अर राज्य स्थापना दिवस थैं मनाळा। उन्न ब्वाळ कि उत्तराखण्ड राज्य नेताओं क दियूं नि च, उत्तराखण्ड यखक रैवासियों क आन्दोळन से बण्यूं राज्य च।
वक्ताओं न ब्वाळ 9 नवम्बर खूंणि प्रदेस क गौं-गौं बटि सब्बि रैवासियों का गिच्छु बटि एक ही आवाज आणा चैंद कि मिंन बण्यें उत्तराखण्ड, मिथैं म्यरू हिस्साकु विकास दिय्खेंण चैंद। अर 10 नवम्बर श्रीयंत्र टापू क बसरी पर सर्रया प्रदेस मा भू-कानून बण्णाक मांग थैं लैकैकि 1000 किळो मीटर क यात्रा निकळें जाळी।
ऐ मौका पर प्रभात कुमार, प्रवीण काशी, मुकुन्द कृष्ण दास (दीक्षा से पैळि मनोज ध्यानी), रविन्द्र प्रधान, किरण बौंठियाळ, शिव प्रसाद सेमवाळ, श्रीमती उमा गौड़, श्रीमती पूजा चमोली मौजूद छायीं।