हरीश रावत ने हाईकमान से मांगी पंजाब प्रभारी पद से मुक्ति

दून। उत्तराखंड की राजनीति में लगातार हो रही सरगर्मियों के बीच पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर हाईकमान से पंजाब प्रभारी पद से मुक्त करने की मांग की है। 2022 चुनाव को देखते हुए हरीश रावत उत्तराखंड में ही सक्रिय भूमिका में रहना चाहते है। यही बड़ा कारण है कि हरीश रावत पंजाब प्रभारी पद से मुक्त चाहते है।

पंजाब में बतौर प्रदेश प्रभारी और उत्तराखंड में चुनाव अभियान की कमान संभालने की हरीश रावत के सामने लगातार चुनौती बनी हुई है।

तो दूसरी तरफ बागियों और पूर्व कांग्रेसियों की घर वापसी को लेकर भी आए दिन चर्चायें होती रहती है। बागियों की कांग्रेस में वापसी को लेकर हरीश रावत का रोल अहम है। यही कारण है कि पूर्व सीएम हरीश रावत ने फेस बुक वॉल और ट्विटर पर यह लिखा कि –

मैं आज एक बड़ी उहापोह से उबर पाया हूंँ। एक तरफ जन्मभूमि के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्म भूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलत्तर होती जा रही हैं। क्योंकि ज्यौं-जयौं चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा। कल उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया लेकिन आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था। मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर के खड़ी हुई। मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा। मैं, पंजाब-कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूंँ कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। संतों, गुरुओं की भूमि, नानक देव जी व गुरु गोविंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावात्मक लगाव है। मैंने निश्चय किया है कि, लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने मैं उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाय।

वैसे भी 2022 चुनाव में हरीश रावत के लिए पंजाब और उत्तराखंड दोनों राज्यों में समय दे पाना आसान नहीं होने वाला। ऐसे में साफ है कि हरीश रावत सिर्फ और सिर्फ उत्तराखण्ड की राजनीति में ही सक्रिय भूमिका निभाना चाहते है।

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