अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि नहीं रहे, फांसी के फंदे से लटकता मिला शव
प्रयागराज। प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है. पुलिस के मुताबिक, उनका शव अल्लापुर में बाघंबरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला है। जांच-पड़ताल की जा रही है. पोस्टमार्टम के बाद ही घटना का कारण साफ हो पाएगा। आईजी रेंज केपी सिंह ने बताया कि वह मौके पर पहुंच गए हैं। फिलहाल यह फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला लग रहा है। फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। मठ पर बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु भी पहुंच गए हैं।
कल ही डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने लिया था आशीर्वाद
एक दिन पहले रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज में थे। तब उन्होंने मंदिर जाकर महंत नरेंद्र गिरि से आशीर्वाद लिया था। प्रयागराज आगमन पर बड़े नेता हों या फिर आला पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी, वे महंत से आशीर्वाद लेने और लेटे हनुमान जी का दर्शन करने जरूर जाते रहे हैं।
चेले के साथ विवादों में थे महेंद्र
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था, लेकिन बाद में इनके बीच समझौता हो गया था। तब हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचे आनंद गिरी अपने गुरु स्वामी नरेंद्र गिरी के पैरों पर गिरकर माफी मांग ली। आनंद बोले थे- मैं पंच परमेश्वर से भी अपने कृत्यों के लिए माफी मांग रहा हूं। इसके बाद महंत नरेंद्र गिरी ने भी आनंद गिरी पर लगाए गए आरोपों को वापस लेते उन्हें माफ कर दिया.
बता दें कि 14 मई 2021 को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने आनंद गिरी को अखाड़े और बाघंबरी गद्दी से बाहर कर दिया था। उन पर अपने परिवार से संबंध रखने का आरोप लगा था। नरेंद्र गिरी ने कहा था कि बड़े हनुमान मंदिर पर आने वाले दान-चढ़ावे में से आनंद गिरी धन अपने परिवार पर खर्च कर रहे हैं। असके बाद अखाड़े के पंच परमेश्वरों की सहमति के बाद आनंद गिरी पर यह कार्रवाई की गई थी।
अखाड़े से बाहर होने के बाद आनंद गिरि ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था और अपने गुरु नरेंद्र गिरी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें सबसे गंभीर आरोप मठ की करोड़ों रुपए की जमीनों को बेचने और उन रुपयों का दुरुपयोग करने का था। आनंद ने कहा था कि उनके गुरु नरेंद्र के कई बड़े और महंगे शौक हैं। इन शौक को पूरा करने के लिए नरेंद्र गिरि मठ के धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। मठ के कई सेवादारों के परिवारों पर भी करोड़ों रुपया खर्च करने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद गुरु और चेले के बीच विवाद गहरा गया था।.