फिर बाहर निकला ढैंचा बीज घोटाले का जिन्न
दून। आजकल भाजपा के अन्दर सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। कभी विधायक काऊ तो कभी धर्मपुर विधायक के खिलाफ बगावती सुर पार्टी के अन्दर से ही निकल रहे है।
भाजपा पार्टी के अन्दर लगी इस आग को बुझा भी नहीं पायी थी कि हरक सिंह रावत ने आग में घी डाल दिया।
हरक सिंह रावत ने आज (सोमवार) को एक बड़ा खुलासा किया। हरक सिंह रावत ने एक इलैक्ट्रानिक मीडिया को दिये साक्षात्कार मे ंकहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ढैंचा बीज घोटाले में त्रिवेंद्र सिंह को जेल भिजवाना चाहते थे। अगर उन्होंने नहीं बचाया होता तो त्रिवेन्द्र सिंह रावत जेल तो जाते ही, साथ ही मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाते।
हरक ने कहा कि उन्होंने त्रिवेंद्र के समर्थन में दो पेज की नोटिंग की थी। जिसके चलते वो जेल जाने से बच गए। उन्होंने कहा कि तब हरीश रावत ने कहा था कि तुम सांप को दूध पिला रहे हो।
बता दें कि 2007 से 12 के बीच बीजेपी की खंडूरी सरकार में त्रिवेंद्र रावत कृषि मंत्री थे। इसके बाद 2012 में कांग्रेस सरकार में हरक सिंह रावत कृषि मंत्री थे और हरीश रावत मुख्यमंत्री। तब त्रिवेंद्र पर ढेंचा बीज खरीद में घोटाले के आरोप लगे थे।
डॉ हरक सिंह के इस खुलासे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत न पटलवार करते हुए कहा कि हरक कुछ भी बोल देते है, उनके बोलने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने डॉ हरक सिंह रावत को चुनौती देते हुए कहा है कि वह इस ढैंचा बीज घोटाले की फाइल के पोस्टर छपवा कर सचिवालय की दीवारों पर लगवा दें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। जनता खुद फैसला कर लेगी।
बहरहाल सच्चाई जो भी हो लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ढेंचा बीज घोटाले के जिन्न के बाहर आने से त्रिवेन्द्र सिंह ही नहीं भाजपा के माथें पर परेशानियों के बल पड़ने निश्चित है। तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों को बैठे बिठाए चुनावी मुद्दा मिल गया।