नेपाल में लापता अपने अफसर के बारे में भारत से पूछ रहा पाकिस्तान

कुलभूषण जाधव मामला एक दूसरा मोड़ ले सकता है, पाकिस्‍तान ने अपने लापता पूर्व आर्मी ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्‍मद हबीब जहीर के बारे में भारत से लिखकर पूछा है, जो गत 6 अप्रैल को नेपाल में लापता हो गए थे।

नेपाल से लापता हुआ पाक अधिकारी
कुछ दिन पहले पाकिस्तान के एक अज्ञात सुरक्षा अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया था कि भारत ने जाधव की सुरक्षित रिहाई के लिए हबीब का अपहरण किया है। हालांकि, ऐसा पहली बार है जब पाकिस्‍तान ने अपने अधिकारी के बारे में भारत से जानकारी मांगी है।

अंतर्राष्‍ट्रीय कोर्ट में है जाधव का मामला

पाकिस्तान ने भारत के सामने हबीब के लापता होने का यह मामला ऐसे समय में आया है जब भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले को लेकर दोनों देश अंतर्राष्‍ट्रीय अदालत (आईसीजे) में हैं। जासूसी का आरोप लगाकर पाक सैन्य कोर्ट द्वारा जाधव को फांसी सुनाए जाने के फैसले पर आईसीजे की ओर से रोक लगा दिए जाने के बाद पाकिस्तान की निंदा हुई है।

भारत के पास नहीं है कोई जानकारी

भारत का कहना है कि उनके पास हबीब के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जबकि पाकिस्‍तान का मानना है कि हबीब भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड अनालिसिस विंग (R&AW) के कब्जे में है। हालांकि नेपाल दूतावास के अनुसार हबीब के मामले में जांच चल रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने हबीब का पता लगाने के लिए नेपाल के विदेश मंत्रालय से भी संपर्क किया था।

आईएसआई के साथ करता था काम

टाइम्‍स ऑफ इंडिया के अनुसार, हबीब पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ काम करता था। लापता होने से पहले वह काठमांडू से लुंबिनी पहुंचा था। हबीब के परिवार का कहना है कि हबीब को यूएन एजेंसी की तरफ से नेपाल में नौकरी करने का ऑफर मिला था, जिसकी एवज में उसे 8500 डॉलर (लगभग 5.48 लाख रुपये) प्रति महीने की सैलरी मिलने की बात भी कही गई थी। जबकि ऐसा भी कहा जा रहा है कि एक खुफिया मिशन के तहत वह नेपाल गया था।

कुलभूषण को फांसी की सजा दिए जाने के कुछ ही दिन पहले से हबीब जहीर के लापता होने की खबर पाक मीडिया ने दी थी। यहां तक कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में जाधव और हबीब की घटनाओं में आपसी लिंक होने की आशंका जताई गयी थी। पाकिस्‍तान के एजेंसी रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्‍तान के अटार्नी जनरल अश्‍तर औसफ अली टीम 8 जून को हेग की अंतर्राष्‍ट्रीय अदालत में पाकिस्‍तान का नेतृत्‍व करेंगे।

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