खाने की शिकायत करने वाले जवान की VRS अर्जी खारिज
खाने की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो डालने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि उनके आरोपों पर एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी लंबित है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक आधार पर आरोप भी लगे हैं। बीएसएफ के इस कदम को यादव का परिवार सही नहीं मान रहा जिनका आरोप है कि उन्हें धमकाया जा रहा है और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
यादव की वीआरएस अर्जी को खारिज करते हुए बीएसएफ ने कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (सीओआई) और इसकी सिफारिशों को अंतिम रूप दिये जाने के लंबित रहने के चलते अर्जी को निरस्त कर दिया गया है। बीएसएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘वीआरएस निरस्त करने के बारे में कांस्टेबल यादव को 30 जनवरी की शाम को ही बता दिया गया था।’’ बल ने स्पष्ट किया कि यादव को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जैसा कि उनके परिवार ने आरोप लगाया है।
यादव की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने आज सुबह उन्हें फोन किया था और दावा किया कि उन्हें धमकाया जा रहा है और प्रताड़ित किया जा रहा है तथा उन्हें गिरफ्तार किया गया है। बल के अधिकारियों ने कहा कि सीओआई के तहत निर्दिष्ट प्रक्रिया के अनुसार किसी मामले में जांच दल सभी गवाहों से जांच पूरी होने तक पूछताछ करता है। इस मामले में जवान भी अनेक आधार पर अनुशासनहीनता के आरोपों का सामना कर रहा है और इसलिए ऐसे मामले में कर्मचारी को वीआरएस देने की अनुमति नहीं है।
पिछले महीने यादव का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने जवानों को दिया जाने वाला खाना घटिया बताया था। वीडियो वायरल होने के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं और प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। मंत्रालय ने पीएमओ को सूचित किया था कि बीएसएफ ने कहा है कि किसी चौकी पर राशन की कोई कमी नहीं है।